आडवाणी की खरी-खरी, भाजपा ने अपने विरोधियों को कभी देश-विरोधी नहीं माना

अप्रैल को भाजपा के स्थापना दिवस कार्यक्रम से पहले वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी ने ब्लॉग लिखकर अपने विचारों को साझा किया है। उन्होंने साफ कहा कि भाजपा से अलग राजनीतिक राय रखना देशविरोधी होना नहीं है। 


आडवाणी ने लिखा कि देश की सेवा करना मेरा पैशन और मिशन रहा है। देश पहले, फिर पार्टी और उसके बाद मैं। हमारी भारतीय राष्ट्रवाद की तरह हमने भी राजनीतिक रूप से अलग विचार रखने वालों को देशविरोधी नहीं माना है। हमारी पार्टी हर नागरिक के चुनने की आजादी को लेकर प्रतिबद्ध है। अपने उदय के साथ ही भाजपा ने अपने राजनीतिक विरोधियों को अपना दुश्मन नहीं माना है बल्कि विपक्षी के तौर पर देखा है। 0
क्या क्या लिखा है आडवाणी ने पढ़ें- 


  • 6 अप्रैल को भाजपा अपना स्थापना दिवस मनाएगी। हमारे लिए यह एक महत्वपूर्ण अवसर है। भाजपा के एक संस्थापकों के तौर पर मैं समझता हूं कि अपना अनुभव भारत के लोगों के साथ साझा करना चाहता हूं और इससे भी बढ़कर भाजपा कार्यकर्ताओं से जिनके प्रेम और आदर ने मुझे ऋणी बनाया है।  

  • मैं गांधीनगर की जनता का आभार जताता हूं कि जिन्होंने मुझे 1991 से लगातार चुनकर संसद भेजा। उनका प्यार और समर्थन ने मुझे उत्साहित किया है। 

  • 14 साल की उम्र में जब मैं राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ में शामिल हुआ, तभी से धरती मां की सेवा करना मेरा पैशन और मिशन रहा है। भाजपा के साथ मेरा 70 साल का नाता रहा। मैं पहले भारतीय जनसंघ के साथ और फिर भारतीय जनता पार्टी के साथ जुड़ा रहा और दोनों का संस्थापक सदस्य रहा। 

  • प. दीनदयान उपाध्याय, श्री अटल बिहारी वाजपेयी और कई अन्य महान नेताओं के साथ करना मेरे लिए सौभाग्य की बात रही। मेरे जीवन का सिद्धांत रहा है- पहले देश, फिर पार्टी और अंत में मैं। तीनों स्वरुपों में मैं सिद्धांतों पर अटल रहा।

  • भारतीय लोकतंत्र की खूबी है विभिन्नता और विचारों की आजादी। भाजपा ने शुरुआत से ही अपने राजनीतिक विरोधियों को दुश्मन नहीं माना है। जिस तरह हमारे भारतीय राष्ट्रीयता में झलकता है, उसी तरह हमारे राजनीतिक विरोधियों को हम देशविरोधी नहीं मानते।