दुराचार के दोषी को 10 साल कारावास, हाईकोर्ट ने सुनाया फैसला

प्रदेश हाईकोर्ट ने दुराचार से जुड़े मामले में दोषी को 10 वर्षों के कारावास और 50 हजार के जुर्माने की सजा सुनाई है। वरिष्ठ न्यायाधीश धर्म चंद चौधरी और न्यायाधीश सीबी बारोवालिया की खंडपीठ ने दोषी राजेंद्र कुमार की ओर से दायर अपील को आंशिक रूप से स्वीकार करते हुए यह फैसला दिया।


दोषी ने स्पेशल जज बिलासपुर के फैसले को अपील के माध्यम से हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। मामले के अनुसार पुलिस स्टेशन घुमारवीं में 8 जून 2014 को दोषी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 376 और पोक्सो एक्ट की धारा चार के तहत मामला दर्ज हुआ था।
मामले के अनुसार दोषी पर आरोप था कि उसने नाबालिग के साथ उसकी इच्छा के विरुद्ध शारीरिक संबंध बनाए थे। स्पेशल जज बिलासपुर के समक्ष इस मामले का ट्रायल हुआ था।
स्पेशल जज बिलासपुर ने अभियोजन पक्ष की ओर से प्रस्तुत दस्तावेजों व साक्ष्यों के अवलोकन के बाद दोषी को 15 मार्च 2017 को उम्र कैद की सजा तथा 20 हजार के जुर्माना की सजा सुनाई थी।
हाईकोर्ट ने अपील की सुनवाई के दौरान प्रार्थी की दलील से आंशिक तौर पर सहमति जताते हुए सजा को उम्र कैद की बजाय 10 वर्षों के कारावास में तबदील कर दिया, जबकि जुर्माने की राशि को बीस हजार से बढ़ाकर पचास हजार कर दिया।