गठबंधन की रैली: मायावती ने कहा, पीएम मोदी नहीं मुलायम हैं पिछड़ों के असली नेता

मैनपुरी के सियासी मंच पर 25 साल बाद सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव और बसपा सुप्रीमो मायावती एक मंच पर नजर आए। दोनों नेताओं ने एक दूसरे का हाथ जोड़कर अभिवादन किया। मंच से बसपा सुप्रीमो ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशा


मायावती ने कहा कि मुलायम सिंह ने सभी वर्गों को जोड़ा है। वो नरेंद्र मोदी की तरह नकली और फर्जी पिछडे़ वर्ग के नहीं है। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी अगड़ी जाति के हैं, लेकिन सत्ता का दुरुपयोग करते हुए खुद को पिछड़ा का घोषिेत कर दिया।
बसपा सुप्रीमो ने कहा कि पिछड़ों के असली नेता मुलायम सिंह ही हैं। मुलायम सिंह के लिए जनता से वोट की अपील करते हुए मायावती ने कहा कि आप लोग साइकिल के निशान को भूलें नहीं। इस बार मुलायम सिंह यादव को भारी मतों से जिताएं। 



गेस्ट हाउस कांड का दर्द छलका



जनसभा को संबोधित करते मुलायम सिंह यादव 


उन्होंने कहा कि वर्तमान परिस्थिति को देखते हुए गेस्ट हाउस कांड को भुलाया है। भाजपा को सत्ता में आने से रोकने के लिए यह जरूरी था। उन्होंने कहा कांग्रेस गलत नीतियों के कारण सत्ता से बाहर हो गई। भाजपा भी गलत नीतियों के कारण सत्ता से बाहर चली जाएगी। 
माया ने कहा कि मोदी ने सौ दिन में कालाधन वापस लाकर प्रत्येक व्यक्ति को 15 से 20 लाख रुपये अर्थिक मदद देने का वायदा किया था, लेकिन किसी को आर्थिक मदद नहीं मिली। यह प्रलोभन सत्ता में आने के लिए दिया गया था। इस बार जनता कांग्रेस और भाजपा के बहकावे में नहीं आएगी। 



मुलायम बोले, माया का एहसान कभी नहीं भूलूंग


इससे पहले सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने अपने संबोधन में बसपा सुप्रीमो का आभार जताया। उन्होंने कहा कि मायावती हमारे लिए वोट मांगने आईँ हैं। हम उनका अभिनंदन करते हैं। आपके इस एहसान को कभी नहीं भूलूंगा।
उन्होंने सपा कार्यकर्ताओं से कहा कि वह भी उनका सम्मान करें। उन्होंने कहा कि सांसद बनने के बाद वो उनका असली सम्मान करेंगे। उन्होंने अपनी जीत के लिए भी जनता से अपील की। उन्होंने कहा कि यह मेरा आखिरी चुनाव है। हर बार मैनपुरी के लोग हमें जिताते आए हैं। आखिरी चुनाव में भारी बहुमत से जिताना।
सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा यह मैनपुरी के लिए ऐतिहासिक क्षण है। क्यों कि बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने नेताजी को जिताने की अपील की है। उन्होंने कहा कि मायावती हमारे बीच आई हैं, वो उनका आदर करते हैं। 



अजित सिंह 


नामांकन के बाद मैनपुरी में मुलायम सिंह यादव की यह पहली रैली है। गठबंधन की रैली में रालोद मुखिया अजित सिंह नहीं आए। मंच पर अखिलेश यादव, बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा और मायावती के भतीजे आकाश आनंद मौजूद रहे। 
बता दें कि मैनपुरी लोकसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी ने कभी भी जीत का स्वाद नहीं चखा है। मुलायम सिंह यादव 1996 में पहली बार सांसद बनकर कांग्रेस पार्टी की गठबंधन सरकार में रक्षा मंत्री बने थे। इसके बाद मुलायम सिंह यादव ने मैनपुरी में कई जीत दर्ज की।