बाराबंकी । जेल के बन्दियों को रोजगार से जोड़ने की मंशा से उनको प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत प्रशिक्षित किये जाने की बात जेल अधीक्षक आर के जायसवाल द्वारा कही गई है। जुलाई 2017 से बतौर अधीक्षक जेल में तैनात श्री जायसवाल बंदियों के स्वास्थ्य को लेकर काफी चौकस नजर आए। दैनिक भास्कर से उन्होंने बताया कि सप्ताह में दो बार जिला अस्पताल के डॉक्टरों द्वारा मेडिकल कैम्प लगाकर सभी बंदियों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जाता है।
पतंजलि योगपीठ के शिक्षकों द्वारा जेल में आकर बंदियों को योगा सिखाया जाता है। बंदियों का रोजगार परक प्रशिक्षण पूरा होने के उपरांत उनको स्वरोजगार स्थापना के लिए जेल प्रशासन द्वारा बैंक से ऋण दिलाने में पूरी मदद किया जाना बताया गया। बंदियों के भोजन में प्रयोग की जाने वाली सामग्री को टीम के समक्ष प्रस्तुत कर यह स्पष्ट किया गया कि जेल प्रशासन द्वारा खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। बंदियों को परिवार का सदस्य समझने वाले अधीक्षक द्वारा उनके परिवार को सताने वाले लोगों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही के लिए आवश्यक मदद की जाती है।
जेल में मौजूद तेरह एकड़ भूमि पर उगाई जाने वाली सब्जियों की सप्लाई लखनऊ व कानपुर की जेलों में किये जाने की बात कही गई है।वर्तमान समय में एक सौ साठ कुंतल आलू प्रदेश की राजधानी लखनऊ की जेल के लिए भेजा गया है। बंदियों के भोजन में प्रयोग होने वाले खाद्यान्न की आपूर्ति उत्तर प्रदेश कर्मचारी कल्याण निगम द्वारा की जाती है। आवश्यकता से काफी कम स्टाफ के बावजूद 960 बंदियों की क्षमता वाली जेल में 1250 बंदियों की सुख सुविधाओं का पूरा ख्याल रखना जेल अधीक्षक की सूझबूझ का परिचायक है।