शबे बरात पर पुरखों की क़बरें होंगी चरागाँ

शहर के सभी क़बरिस्तानों व दरगाहों पर पढ़ी जायगी फातेहा,रात भर बुज़ुरगों की मज़ारों पर अक़िदतमन्दों की रहेगी आमदो रफ्त"""
इसलामिक माह शाबान की चौदह की रात ( 20 अप्रैल शनिवार )को मुस्लिम बहुल्य इलाक़ों मे रात भर रज्जगा होगा।लोग अपने पुरखों की याद मे अपने अज़ीज़ व अक़ारिब की क़बरों को रौशन कर बारगाहे इलाही मे उन्के मग़फिरत को दूआ करेंगे।दरियाबाद क़बरिस्तान,चकिया स्थित करबला क़बरिस्तान,छोटी करबला,अकेलवा आम,काला डांड़ा क़बरिस्तान,हसन मन्जिल,अटाला,करैली,हिम्मतगंज,रौशनबाग़,रसूलपुर,समदाबाद,बैदन टोला,दायरा शाह अजमल,अकबरपुर आदि इलाक़ो मे स्थित बुज़ुरगों की क़बरों व दरगाहों पर भी अक़िदतमन्दों की आमदो रफ्त रहेगी।उम्मुल बनीन सोसाईटी के महासचिव सै०मो०अस्करी ने शासन प्रशासन से शबे बरात के दिन व रात को समुचित प्रकाश व्यवस्था,गलियों व क़बरिस्तानों के आस पास सफाई व चूना छिड़काव व पेयजल के टैंकर की व्यवस्था सुनिश्चित करने की मांग की है।अस्करी ने बताया की शबे बारात के मद्देनज़र हफ्तों से लोग अपने खानवादे के बुज़ुरगों की क़बरों की मरम्मत व कच्ची क़बरों पर मिट्टी चढ़वाने मे लगे रहे।वहीं शबे बारात के दूसरे दिन 15 शाबान को बारहवें इमाम महदी आखिरुज़्ज़मा की यौमे पैदाईश की तय्यारीयाँ भी ज़ोर शोर से हो रही हैं।रविवार कई जगहों पर खुशी की महफिल सजाई जाएगी तो बड़ी संख्या मे मुहिब्बाने महदी दरियाबाद व करैलाबाग़ मे प्राताः 6 बजे यमुना नदी घाट पर अपनी मुरादों की अरज़ी यमुना नदी मे प्रवाहित करेंगे और वहीं पर आतिशबाज़ी छूड़ा कर आमदे महदी का जश्न भी मनांएगे।


भवदीय
सै०मो०अस्करी
महासचिव
उम्मुल बनीन सोसाईटी