रमज़ान पाक महीने में  रोजेदार मुस्लिम महिलाओं ने सोमवार को अफतारी से पहले अपने मकानों की छतों पर पर चिड़ियों के लिए दाना-पानी रख कर परिंदा संरक्षण की अनूठी पहल की शुरुआत की है।


बाराबंकी 27मई । रमज़ान पाक महीने में  रोजेदार मुस्लिम महिलाओं ने सोमवार को अफतारी से पहले अपने मकानों की छतों पर पर चिड़ियों के लिए दाना-पानी रख कर परिंदा संरक्षण की अनूठी पहल की शुरुआत की है।
 आँखेँ इण्डिया द्वारा बीते कई वर्षों से चलाए जा रहे परिंदा संरक्षण अभियान से प्रेरणा लेकर बाराबंकी नगर के रसूलपुर मोहल्ले के निवासी समाजसेवी जमाल कामिल व उनकी समाज सेवी बहन सुश्री  गुलेसबा के प्रयास से मुस्लिम  महिलाओं ने इस अभियान की शुरुआत की है ।
   भीषण गर्मी के चलते शहरों में चिड़ियों को पीने के पानी के लिए काफी संघर्ष करना पड़ रहा है और पीने के पानी के अभाव में परिन्दों को जान भी गवानी पड़ रही है।इस अभियान से विलुप्त हो रहे परिन्दों के लिए दाना-पानी की व्यवस्था करके बचाया जा सकता है ।
   नगर के मॉडल स्कूल रसूलपुर के परिसर में  परिन्दा संरक्षण अभियान में लगभग तीन दर्जन से अधिक मुस्लिम महिलाओं ने इस मुहिम को तेज करने का संकल्प लिया । इन महिलाओं ने अपने-अपने मकानों की छतों पर मिट्टी के बर्तनों में चिड़ियों के लिए दाना-पानी रखने के बाद अफ्तारी के साथ रोजा खोला और नमाज़ अदा की ।
          रेडक्रॉस सचिव ,यूथ आइकॉन प्रदीप सारंग ,आँखेँ इण्डिया संरक्षक हरि प्रसाद वर्मा, तौकीर  करार ,सदानंद, अब्दुल खालिक, जमाल कामिल, आरजू, शमीम बानो, नगमा, साइमा, साबिया, तहसीन, तरन्नुम, शबीना, अफ़रोज़, शादिया, मंतसा, शबीना, सहित तीन दर्जन महिलाएं प्रमुख रूप से उपस्थित रहे ।