दो चरणों में मनाया जाएगा जनसंख्या स्थिरता पखवाडा परिवार नियोजन से निभाएं जिम्मेदारीए मां और बच्चे के साथ की पूरी तैयारी पहले चरण में दंपत्ति संपर्क, दूसरे में मुहैया कराये जाएंगे परिवार नियोजन के साधन वरिष्ठ सवांददाता

मेरठ । मेरठ समेत प्रदेश भर में 11 से 24 जुलाई जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा मनाया जाएगा।पखवाड़ा दो चरणों में मनाया जाएगा। इस संबंध में भारत सरकार की ओर से परिवार नियोजन से निभाएं जिम्मेदारी मां और बच्चे के साथ की पूरी तैयारी थीम निर्धारित की गई है। इसका मुख्य मकसद मातृ व शिशु स्वास्थ्य की बेहतरी के बारे में परिवार कल्याण कार्यक्रम की महत्ता प्रदर्शित करना व जनसंख्या स्थिरीकरण में जन सहयोग के महत्व से लोगों को परिचित कराना है। यह जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा राजकुमार ने दी।
उन्होंने बताया कि जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा मेरठ समेत पूरे प्रदेश में दो चरणों में मनाया जाएगा। दंपत्ति संपर्क पखवाड़ा बृहस्पतिवार से प्रारंभ हो गया है यह 10 जुलाई तक चलेगा। पहले चरण में आशा, एएनएम जनसमुदाय को बेहतर मातृ व शिशु स्वास्थ्य में परिवार नियोजन की विधियों की महत्ता के संबंध में जागरूक करेंगी। जिला स्तर पर डीसीपीएम व ब्लाक स्तर पर बीसीपीएम को यह जिम्मेदारी दी गई है कि वे आशाओं के माध्यम से जनजागरूकता अभियान व सास व बहू सम्मेलन का आयोजन कराएं। दूसरा चरण 11 जुलाई से 24 जुलाई तक
मनाया जाएगा।
परिवार कल्याण विशेषज्ञ जितेन्द्र कुमार ने बताया कि आशा और एएनएम परिवार नियोजन के स्थाई साधनों जैसे महिला और पुरुष नसबंदी के बारे में जानकारी देंगी। इसके साथ ही अस्थाई साधन जैसे प्रसव बाद आईयूसीडी यानी कापर टी,अंतरा आईयूसीडी, तिमाही गर्भ निरोधक सुई, छाया, कंडोम और रोजाना खाई जाने वाली गर्भ निरोधक टैबलेट के बारे में जानकारी देते हुए इनके फायदे भी बताएंगी। इससे संबंधित पम्पलेट का भी वितरण किया जाएगा। इसके साथ स्वास्थ्य इकाइयों में दीवार लेखन भी किया जाएगा। इन साधनों के इस्तेमाल के लिए रजामंद होने पर संबंधित की लिस्ट बनाई जाएगी । उक्त कार्य बृहस्पितवार से शुरू हो गया है यह 10 जुलाई तक चलेगा। इसके बाद जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा प्रारंभ हो जाएगा। पखवाड़े में सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों, जिला अस्पताल में संबंधित जरूरतमंद को उनकी सहमति के आधार पर स्थाई और अस्थाई साधन मुहैया कराया जायेगा। यानी यदि कोई नसबंदी के लिए रजामंद है तो उसे यह सुविधा दी जाएगी।
ये मिलती है प्रोत्साहन राशि
परिवार नियोजन की नोडल अधिकारी डा पूजा शर्मा ने बताया कि नसबंदी करानेवाले पुरुषों को बतौर प्रोत्साहन 3,000 और महिलाओं को 2,000 रुपए की धनराशि दी जाती है। अस्थायी विधियों में प्रसव पश्चात आईयूसीडी एवं गर्भपात स्वतरू व सर्जिकल उपरांत आईयूसीडी, जिसको सरल भाषा में कॉपर-टी कहा जाता है के लिए लाभार्थी को 300 रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाती है। वही अंतरा इंजेक्शन की प्रति डोज पर 100 रूपये दिये जाते है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2018-19 में 4130 महिलाओं व 254 पुरूषों ने नसबंदी करायी। 6855 महिलाओं ने आईयूसीडी और 4505 महिलाओं का पीपीआईयूसीडी हुआ।
उन्होंने बताया कि अटल बिहारी साइंटीफिक कनवेंशन सेंटर केजी एमयू लखनऊ में आयोजित कार्यक्रम में पूर्व परिवार कल्याण मंत्री रीता बहुगुणा जोशी ने मेरठ जिले को एनएसवी में तीसरी रैंक का पुरस्कार प्रदान कर चुकी हैं। दिया। दूसरा पुरस्कार पीपीआईयूसीडी में सर्वर प्रोवाइडर डा सीमा एलएमओ आयुष सीएचसी सरधना व तीसरा पुरस्कार सर्विस प्रोवाइडर डा संजीव एलएलआरएमएमसी को मिला है। इसके अतिरिक्त मेरठ ने एनएसवी में दूसरी रैंक तथा पीपीआईयूसीडी में तीसरी रैंक प्राप्त की है।