सतरिख बाराबंकी( ) हज़रत सैय्यद सालार साहू गाज़ी ''बूढ़े बाबा'' (रह0) के पुत्र हज़रत सैय्यद सालार मसऊद गाज़ी ''बाले मिया'' (रह0) जिनकी दरगाह शरीफ जनपद बहराईच में स्थित है कि याद में एक दिवसीय चौथी मेले का परम्परागत आयोजन सौहार्द, भाईचारे और आपसी प्रेम के वातावरण में सम्पन्न हुआ। इस एक दिवसीय मेले में सभी धर्म के श्रद्धालू एवं धर्म अवलम्बी दूर दराज से आकर अपनी आस्था प्रकट करते हुये चौथी मेले की रस्म रिवाज के साथ फल, मिठाई, शरबत, सब्जी, चादर गांगर फूलों की डाली एवं अनाज चढ़ा कर पूरी करते हैं और मन्नते पूरी होने पर बड़े जोश-खरोश के साथ अपने बच्चों के मुंडन संस्कार कराते एवं निशान चढ़ाते है।
प्रबन्ध कमेटी के सचिव चौधरी कलीम उद्दीन उस्मानी ने बताया कि चौथी मेले की मान्यता एवं परम्परा रूदौली शरीफ की एक महिला बुजुर्ग जोहरा बीबी जो पैदाईशी नाबीना (अन्धी) थी उनकी आंख की रोशनी मन्नत पूरी होने के कारण पडी यही कारण है कि चार चौथी मेले बहराईच दरगाह शरीफ पर एक चौथी मेला दरगाह शरीफ सतरिख के आस्ताने पर परम्परागत सम्पन्न होता आ रहा है।
श्री उस्मानी ने बताया कि चौथी मेले में भी श्रद्धालुओं का आवागमन जारी रहता है जिसमें श्रद्धालू विभिन्न परम्पराओं को निभाते हुए अपनी अटूट आस्था प्रकट करते है और अपनी तमाम मन्नते मानते है और मन्नते पूरी हो जाने के बाद अपनी मनौती पूरी करते है चौथी मेले का आगाज सुबह कुरान पाक की तिलावत से हुआ दिन भर कव्वालियों का समा बन्धा रहा और रात में आतिशबाजी के साथ एक दिवसीय चौथी मेले का समापन हुआ।
इस अवसर पर मुख्य रूप से प्रभारी मेला सरफराज अहमद खां, फरजान उस्मानी, असगर अली अंसारी, फौज़ान उस्मानी, अफजाल सभासद, मोहम्मद ज़की खान, मोहम्मद इब्राहिम, सद्दाम हुसेन, श्याम यादव, रामलखन, सरोज रावत, अहमद शुजा, जुबेर अहमद, मोहम्मद राशिद पप्पू शरीफाबाद, विश्म्भर यादव, अशफाक अंसारी, सुन्दरलाल, रामसिंह, मोहम्मद ताज, मोहम्मद रेहान, खालिद खान, तुफैल पत्तन, राशिद हुसैन, आदि लोग उपस्थित रहें।
एक दिवसीय चौथी मेले का परम्परागत आयोजन