परिवार नियोजन के लिए स्वास्थ्य मंत्री ने वैन को दिखाई हरी झंडी
लखनऊ। परिवार नियोजन को लेकर कई कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। जनसंख्या नियंत्रण पर रोकथाम वर्तमान समय में बहुत जरूरी है। स्वास्थ्य को लेकर जो भी एनजीओ काम कर रही है वे आगे आए। परिवार नियोजन को लेकर और बेहतर काम करे। उक्त बातें चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने गोमती नगर स्थितएक होटल में मोबियस फाउंडेशन की ओर से आयोजित दम्पति (फेस-2) प्रोजेक्ट के उद्घाटन समारोह में बोल रहे थे।


फैलाई गई जागरुकता


भारत सरकार के 'मिशन परिवार विकासÓ कार्यक्रम को समर्थन देते हुए मोबियस फाउंडेशन ने ये प्रोजेक्ट 'आकारÓ शुरू किया है। इसके तहत फेज-1 में उत्तर प्रदेश के 2 जनपदों बहराइच और बाराबंकी के 200 गांवों में 'दंपत्ति फेज-1Ó कार्यक्रम शुरू किया गया। इसमें एक प्रचार वाली मोबाइल वैन व स्वास्थ्य कार्यकर्ता गांव-गांव जाकर स्थानीय आशा के सहयोग से सभी को जनसंख्या स्थिरीकरण के बारे में जागरूक कर उनकी काउंसलिंग की गयी। साथ ही पैम्प्लेट, टिन प्लेट और मोबाइल के माध्यम से भी जागरुकता फैलायी गयी। ये पूरा प्रोजेक्ट, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के दिशा-निर्देशों के तहत किया गया।


मोबाइल वैन को झंडी दिखाकर किया रवाना


इस अवसर पर उन्होंने जनसंख्या नियंत्रण के लिए मीडिया तथा प्रचार माध्यमों को भी सहयोग करने की अपील की ताकि वृहद स्तर पर जनसंख्या वृद्धि के बारे मेें लोगों को जागरूक किया जा सके और जनसंख्या नियंत्रण के कार्यक्रमों को प्रभावी बनाया जा सके। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम में सांस्कृतिक कार्यक्रमों को भी समाहित किया जाना चाहिए जिससे इस योजना का आम लोगों पर अधिक प्रभाव होगा।


उत्तर प्रदेश में फर्टिलिटी रेट देश के फर्टिलिटी रेट से अधिक


स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में फर्टिलिटी रेट देश के फर्टिलिटी रेट से अधिक है हमें इसको कम करने के लिए और अधिक कार्य करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि जब जनसंख्या स्थिर होगी तो देश का अधिक विकास होगा। प्रदेश में इस प्रकार के कार्यक्रम को चलाए जाने की आवश्यकता है। इस अवसर पर मंत्री ने मोबाइल वैन को झंडी दिखाकर रवाना किया।


काउंसलिंग डेस्क स्थापित किये जायेंगे


इस मौके पर संस्था के संस्थापक प्रदीप बर्मन ने बताया कि बाराबंकी और बहराइच जिले दंपत्ति फेस-1 कार्यक्रम शुरू किया गया था। इसमें प्रचार वाली मोबाइल वैन व स्वास्थ्य कार्यकर्ता गांव-गांव जाकर स्थानीय आशा के सहयोग से सभी को जनसंख्या स्थिरीकरण के बारे में जागरूक करके उनकी काउंसलिंग की जा रही है। उन्होंने कहा कि इन दो जनपदों के विभिन्न पीएचसी, सीएचसी, व माध्यामिक विद्यालयों में इस मुद्दे की समाधान के लिए काउंसलिंग डेस्क स्थापित किये जायेंगे। कार्यक्रम में मुख्य रूप से सीएमओ लखनऊ, सीएमओ बाराबंकी सहित अन्य लोग उपस्थित थे।


परिवार नियोजन के प्रति जागरुकता बढ़े


आकार प्रोजेक्ट के तहत फेज-2 में बहराइच और बाराबंकी में मौजूद प्राथमिक व उप-स्वास्थ्य केंद्रो पर काउंसलिंग डेस्क लगाना चाहते हैं, जहां डॉक्टरी सुविधा उपलब्ध नहीं है। इस काउंसलिंग डेस्क में एमबीबीएस चिकित्सक, स्वास्थ्य परामर्श के साथ-साथ जनसंख्या स्थरीकरण के बारे में उचित सलाह भी देंगे ताकि परिवार नियोजन के प्रति जागरुकता बढ़े और परिवारों को उचित मार्गदर्शन एवं स्वास्थ्य परामर्श भी प्राप्त हो। इसके माध्यम से परिवार कल्याण विभाग, उत्तर प्रदेश की योजनाओं के बारे में जागरुकता भी फैलायी जाएगी।