किले के मैदान में मंगलवार की रात आयोजित शुक्रिया के जलसे को रोके जाने पर सांसद आजम खां ने कहा है कि प्रशासन का मंसूबा रामपुर को खून में नहला देने का था। अगर समझदारी से काम नहीं लिया गया होता माहौल खराब हो सकता था। उन्होंने कहा कि प्रशासन की इस कार्रवाई के विरोध में रामपुर के लोग 20 जून को नागरिक अधिकार बचाओ दिवस मनाएंगे। इसके लिए 20 जून की तिथि इसलिए तय की गई है कि उस दिन राष्ट्रपति संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करेंगे।
आजम खां ने कहा कि मान लिया कि दस बज गए थे तो कौन सी आफत आ गई थी। मुकदमा दर्ज करा देते हम सभी लोगों पर जो मंच पर मौजूद थे, लेकिन एक सांसद को बीच में रोकने की क्या जरूरत थी। क्या यह एक सांसद का अपमान नहीं है। यह लोकतंत्र का अपमान है। उन्होंने कहा कि वह इस मामले में कानूनी कार्रवाई को लेकर विधिक राय ले रहे हैं। आजम खां ने कहा कि जब एक सांसद अपनी जीत के जलसे को संबोधित कर रहा था तो पुलिस ने नाजी हमला किया है। इस हमले का रामपुर के लोग उस दिन विरोध करेंगे जब राष्ट्रपति 20 जून को संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करेंगे। एक तरफ राष्ट्रपति का संबोधन चल रहा होगा, वहीं दूसरी ओर रामपुर के लोग अपनी हाथों पर काली पट्टी और अपने घरों पर काले झंडे लगाकर विरोध जताएंगे