रामसनेहीघाट बाराबंकी। सामूदायिक स्वस्थ्य केंद्र बनीकोडर में मरीजो को सरकारी सुबिधाये नही मिल पा रही है।मरीजो की सुनने वाला अस्पताल में कोई नही है।गंदगी की चपेट में पूरा अस्पताल परिसर है।एफआरयु दर्जा प्राप्त सामुदायिक स्वस्थ्य केंद्र बनीकोडर के ओपीडी के मरीजो की संख्या सौ से दो सौ प्रतिदिन है।अस्पताल में प्रतिमाह एक दो प्रसव हो रहे है।
अस्पताल का चयन आयुष्मान भारत में भी किया गया है। लेकिन अस्पताल में सुबिधाये नदारद है। सभी अपने में मस्त है।शनिवार की दोपहर तक महिला वार्ड के सामने कूड़े के डिब्बे में पड़ी गन्दगी नही साफ की गई थी।महिला और पुरुष वार्ड में झडू पोछा नही लगा। महिला वार्ड के बेड में से तीन बेड पर गद्दे पड़े।तीन बेड पर गद्दे भी नही थे। गद्दे पड़े बेड पर चादर नही थी। पंखे नही चल रहें गर्मी बहुत है। वार्ड में डॉक्टर नही आये।मरीजों के तीमारदार ओपीडी में डॉ0 को दिखाने पहुचे मरीजो को जमीन पर बैठना पड़ रहा है। बीमारी से निजात पाने की चाहत रखने वाले मरीज और उनके तीमार दारो के बैठने के लिए अस्पताल में कोई व्यवस्था नही है। पीने के लिए लगे 20 लीटर के आरओ में पानी नही रहता। परिसर में लगा एक इण्डिया मार्क हेण्डपम्प पीने लायक पानी नही दे रहा।प्रसव के लिए आने वाले प्रसूताओं को मिलने वाली सुबिधा का आभाव है। बेड पर गद्दा नही। गद्दा है तो चादर नहीं स्टाफ नर्स अक्सर गायब रहती है। चिकत्सको के निजी स्टाफ के कर्मी अस्पताल की इमरजेंसी में मरीजो को इंजेक्शन लगा रहे तो वहीं अस्पताल के पास खुले मेडिकल स्टोर के गुर्गे प्रत्येक डाक्टर के ईद गिर्द लगे रहते हैं जैसे बाहर की दवा लिखी जाती हैं फिर वह अपनी तय शुदा दुकानों को पकड़ ले जाते हैं। इस सम्बन्ध में कर्मियों ने बताया की लम्बे समय से अधीक्षक को दायित्व मिला है दो बार एक एक लाख सौंदर्य करण के दिया जा चुका हैं। सुधार के लिए प्रयास किया जा रहा है। समस्त स्टाफ को अपने काम को करने के आदेश दिए गए है।नई व्यवस्था का असर जल्दी दिखाई देगा।
स्वास्थ्य केंद्र बनीकोडर में अव्यवस्थाओं का बोलबाला