जनसंख्या पर रोक लगाओं, विकास की रफ्तार बढ़ाओं सीएमओ की अध्यक्षता में बैठक का आयोजन

जनसंख्या पर रोक लगाओं, विकास की रफ्तार बढ़ाओं
सीएमओ की अध्यक्षता में बैठक का आयोजन
मुजफ्फरनगर।।जनसंख्या पर रोक लगाओ ,विकास की रफ्तार बढाओ थीम पर जनपद में परिवार नियोजन के तहत जिला अस्पताल में एक बैठक का आयजोन किया गया। बैठक के दौरान बताया गया कि जिले में जगह-जगह पीएससी,सीएससी पर शिविर लगाया गय, और जिले में जागरुकता रैली का निकाली गई। इससे लोगो को स्वास्थ्य और अपने परिवार के प्रति जगरुक होने की अपील की गई।
मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. पीएस मिश्रा ने बताया कि परिवार नियोजन एक जिम्मेदारी है। ये जिम्मेदारी अपने स्वस्थ्य और परिवार के प्रति होती है। सरकार दंपतियों को कई प्रकार के साधन उपलब्ध कराती है। ताकि लोग अपनी स्थितियों और मर्जी के हिसाब से चुनाव कर सके। इसमें स्थाई और अस्थाई दोनों साधन उपलब्ध है।
परिवार नियजोन के नोडल अधिकारी एसके अग्रवाल ने बताया कि लोग परिवार नियोजन के प्रति सक्रिय हो रहे है। स्वास्थ्य विभाग ने परिवार नियोजन को ध्यान में रखते हुए गर्भ निरोधक अंतरा, इंजेक्शन और छाया नामक टेबलेट की शुरुआत की है। जबकि अंतरा इंजेक्शन व छाया गोली परिवार नियोजन के सबसे अच्छें साधन है। जिले में अब तक 2748 महिलाओं ने अंतरा को अपनाया है। जबकि कुछ महिलाओं ने 7199 यूसीडी अपनाकर परिवार नियोजन में अपनी भागीदारी सुमिश्चित की है। जबकि पुरुषओं में मात्र 67 ने ही नसबंदी कराई। पुरुषों में इसका औसतन महिलाओं की उपेक्षा काफी कम रहा।उन्होंने बताया कि जिलें में परिवार नियोजन के तहत पीएससी,सीएससी पर लगने वाले कैंप में पुरुषों में नसबंदी और महिलाओं को गर्भनिरोधक साधनों के बारे में जानकारी दी गई,और उन्हें अपने एवं परिवार के स्वास्थ्य के प्रति जागरुक किया जाएगा।
अभियान के तहत सरकार ने परिवार नियोजन को ध्यान में रखते हुए काफी सुगम एवं सरल उपाय किए है, साथ ही अभियान में योगदान देने वाले लोगों को धनराशि भी उपलब्ध कराई जाती है। पुरुष नसबंदी के लिए लाभार्थी को 3 हजार रुपये जबकि महिला लाभार्थियों को नसबंदी पर 2 हजार रुपये दी जाती है। वहीं प्रसव के पश्चात नसबंदी के लिए महिला लाभार्थी को 3 हजार रुपये प्रोत्साहन राशि के रुप में सरकार की तरफ से दी जाती है। वहीं अस्थाई विधियों में प्रसव पश्चात आईयूसीडी एवं गर्भपात उपरांत कॉपर-टी के लिए 300 रुपये प्रोत्साहन राशि महिलाओं को सरकार की तरफ से दी जाती है।