विधान परिषद सदस्य बासुदेव यादव ने प्रदेश सरकार पर शिक्षा के बाज़ारीकरण का लगाया आरोप

प्रयागराज-विधान परिषद सदस्य बासुदेव यादव ने वर्तमान उत्तर प्रदेश सरकार को छात्र छात्राओं को शिक्षा से वंचित रखने के साथ शिक्षा के बज़ारीकरण का आरोप लगाया वहीं एक पत्र सभापति को सम्बोधित प्रेक्षित करते हुए हाई स्कूल व इण्टरमीडीएट की बढ़ी फीस तत्काल वापस लेने की मांग भी की।श्री यादव ने कहा कि माध्यमिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश सरकार की लाभकारी (राजस्व प्राप्ति)की संस्था नहीं है।संस्था पुरी तरहा राज्य पोषित है।कहा खेदजनक बात है की परिषद ने अपने पत्रांक 278/दिनांक 10 जूलाई 2019 द्वारा शासन की सहमति से पत्रांक संख्या 971/15-7-2018-1(25)/2018 दिनांक 08 जूलाई द्वारा व्यावसाए की दृष्टि से हाई स्कूल परिक्षा शुल्क रु 200/= से बढा कर रु 500/=तथा इन्टर का परिक्षा शुल्क रु 220/=से बढ़ा कर रु 600/=कर दिया जो क्रमशा 150% तथा181.81% है जो ग़रीब छात्र छात्राओं व अभिभावकों के लिए एक वर्जपात से कम नहीं है। वही बेटी पढ़ाओ बेटी पढ़ाओ के केन्द्र सरकार के नारे के उलट है।उन्होने कहा मैं शिक्षा के बाज़ारिकरण पर अंकुश लगाने वाली समीति का सदस्य भी हूँ और यह मांग करता हूँ की पूर्व का शुल्क प्रयाप्त है अताः बढ़े हुए पंजिकरण शुल्क को तत्काल प्रभाव से वापस लिया जाए ।मैं एक सदस्य के रुप मे इसका विरोध करता हूँ।यह फैसला ग़रीबों को शिक्षा से वंचित करने वाला है तथा अन्यापूर्ण है जिसे किसी भी क़ीमत पर लागू नहीं किया जा सकता इसका विरोध व्यापक स्तर पर होगा।