अपनी बात तीर नहीं तो तुक्का
केसरिया बिग्रेड जबसे सत्ता में आयी है तबसे उसे नया नया सिगुफा छोड़ने की आदत है, सिगुफा इसलिए क्योंकि हुुक्मरानों के प्रयोग अन्तिम मुकाम तक पहुंचने से पहले डूब जाते हैं या डूबो दिये जाते है। जैसे एन्टी रोमियो स्क्वायड की सक्रियता, खुलेमें मीट मुर्गे की बिक्री एवं पालीथीन पर प्रतिबन्ध जैसे अभियान। इसी तरह घूसखोरी पर जीरो परसेन्ट टाॅलरेन्स का क्या हश्र हुआ ? उत्तर प्रदेष पुलिस के इस नये अभियान से बहुत अधिक आषान्वित नहीं है। वाहन चालक नियम कानून के पाबंद हो हम इसके विरोधी नहीं हैं। पर परिवहन विभाग को अपनी आन्तरिक व्यवस्था दुरूस्त करनी पड़ेगी। जहाॅं मटके में भांग पड़ी हुई है। वहां लाइसेंस परीक्षा में बीए एमए पास फेल हो जाते अंगुठा छाप पास हो जाते है। परिवहन महकमें में कोई भी कार्य बिना तीतर के सहारे नही हो सकता है। आगे पीछे कितने तीतर है इनको गिनना मुष्किल है।
अखिल सावंत 9452680926