राजस्व-पुलिस व भूमाफियाओं की मिलीभगत में रास्ते पर हुआ कब्जा अर्से से सरकारी जमीन पर निकलने का था रास्ता दरदर भटक रहा पीड़ित

बाराबंकी। पुलिस प्रशासन व भूमाफियाओं की मिलीभगत में सरकारी जमीन सहित आम रास्ते तक महफूज नहीं हैं। जहां लोगों की मानें तो जिला मुख्यालय पर ही तमाम सरकारी से लेकर ग्राम समाज, तलाब, व अन्य विभागों को अर्से पहले आवंटित जमीन पर अवैध कब्जों की भरमार है, जिसमें हद तो यह है कि शत्रु संपत्ति में शुमार एक बेशकीमती जमीन पर, सोसायटी में दर्ज पार्क पर भी अर्से से लोगों का कब्जा बरकरार है और दूसरी तरफ आला कोर्टो के आदेश बावजूद भी प्रशासन व पुलिस लाचार नजर आते हैं। 
इसी तरफ का एक मामला जहां जिला मुख्यालय पर पल्हरी से ककरहिया गांव होते हुए बहरामपुरघाट जाने वाला मार्ग जहां गुगल पर तो साफ दिखता है लेकिन इसपर बकायदा इन्हीं सरकारी तंत्रों की मिलीभगत में भूमाफियाओं ने बकायदा कब्जाकर काॅलोनी तक बसाकर पूरा मार्ग ही अवरूद्ध कर दिया है। लेकिन न तो राजस्व विभाग को इसकी सुध सुविधा शुल्क के सामने है और न ही सरकारी अन्य जिम्मेदार विभागों की। यह हालत एक ही जगह नहीं है बल्कि इसकी मार में तमाम लोग पीड़ित है जिनमें किसी का रास्त अवरूद्ध है जैसा उसने अवैध प्लाटिंग या वैध प्लाटिंग में जमीन खरीदते समय दर्शाए गए नक्शे अनुसार जमीन क्रय की थी और उसपर तत्कालीन राजस्व कर्मियों व सुविधा शुल्क लिए अधिकारी भी बकायदा तस्दीक करते शंका का शमन करते भूमाफियाओं की हां में हां मिलाते दिखे। लेकिन भूमाफियाओं ने जहां दर्शाए कई पार्क बेचे तो वहीं कई रास्ते भी दूसरों ने कब्जा कर लिए जिसपर जनपद भर के तमाम लोग अर्से से परेशान हैं लेकिन पैसा व रसूख की ताकत में इतना दम है कि चाहे सपा सरकार हो या बसपा या फिर मोदी व योगी की भाजपा सरकार हासिए पर हमेशा आमजन ही आता है न तो भूमाफियाओं पर कार्यवाही होती है और न दोषी तत्कालीन अधिकारियों कर्मचारियों पर जिनकी जिम्मेदारी ही नियमानुसार कार्य होने देना व अवैध पर रोक लगाना ही है।
 तहसील सिरौलीगौसपुर थाना मसौली संबंधित राजस्व ग्राम सभा दरवेशपुर में भी इसी तरह का मामला जानकारी में आया। जिसमे ग्रामीणों व भुक्तभोगी पीड़ित की मानें तो भूमाफियाओं ने ग्राम सभा दरवेश पुर की सरकारी सुरक्षित भूमि लगभग विघा 25 पर अवैध रूप से कब्जा करके उसपर बकायदा अपनी निजी नर्सरी, बाग व कृषि कार्य कर प्रतिवर्ष लाखों रूपए कमा रहे हैं। कमा रहे तो अलग बात है लेकिन दिक्कत यह है कि उस जमीन के अलावा निर्बल व्यक्तियों के गाटा संख्या 477 व 478 ख की जो संक्रमणिये भूमिधरी जमीन है उसपर भी अवैध रूप से कब्जा किया हुआ हैं। जिसके संबंध में ग्रामीण पत्रकार व समाजसेवी विजय सिंह ने कई  उच्च अधिकारियों से शिकायत करते हुए अवैध कब्जा हटवाने की मांग की। लेकिन हटना तो दूर समाजसेवी के मकान को आने जाने के सरकारी जमीन होकर रास्ते पर भी इन दबंगों ने अवैध कब्जाकर उसका मार्ग ही अवरूद्ध कर दिया। जिसपर तमाम शिकायतेां के बावजूद भी आजतक कोई कार्यवाही मुकम्मल नहंी हो सकी। दबंग गई के बलपर भूमाफिया द्वारा  विजय सिंह के मकान के पीछे लगभग 8 फिट चैड़ा पूरब पश्चिम, उत्तर दक्षिण लंबा जो पूर्व से रास्ता था। ओ भी मवेशी जानवर का नांद रखकर कटीला तार बांधकर रास्ता बंदकर दिया। जिस के संबंध में भी पीड़ित समाजसेवी ने उच्च अधिकारियों को अवगत कराते हुए कब्जा हटवाने की मांग की लेकिन अभी तक अधिकारी द्वारा  कोई कारवाई नहीं  की गई। है।