इत्मीनान वही होता है जहाँ मंजिल का पता होता है
बैरूनी व मकामी अन्जुमनों नें की नौहा ख्वानी हुआ अलम ताबूत बरामद
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बाराबंकी । असद नगर दशहरा बाग स्थिति सरवर अली रिजवी के अजाखाने में सालाना मजलिस- ए- अजा की 28 वे दौर की मजलिस को खिताब करते हुए आली जनाब मौलाना मो० मियां आब्दी कुम्मी साहब किबला ने मजलिस को खिताब करते हुए कहा- नई आरजू को पूरा करने के चक्कर में,इंसान हक से दूर हो जाता है । दुनिया की बेचैनी की वजह लालच है ,रास्ता सही पता चल जाये तो कभी न कभी मंजिल मिलना तय है इत्मीनान वही होता है जहाँ मंजिल का पता होता है । इंसान में जैसा जर्फ होता है वैसा ही सरमाया पाता है पूरी दुनिया प्रदेश है जब तक अपने वतन न पहुंच जाये तब तक इत्मीनान नहीं होता है इंसान को चाहिए मोहब्बत उससे करे जो खुदा से मिलाये क्योकि जो खुदा से मिलता है वही कामयाब जरिया है मोहम्मद व आले मोहम्मद जिसका एक बेहतरीन जरिया है यही वजह है खुदा ने हुसैन को नफ्से मुतमइन्ना कहा क्योकि हुसैन अपनी मंजिल को पहचानते थे । आखिर में कर्बला वालो के मसायब पेश किये जिसे सुनकर मोमनीन रो पड़े । मजलिस से पहले डॉ रजा मौरान्वी,आरिज जरगांवी,अजमल किंतूरी,मुहिब रिजवी,मीसम फैजाबादी ,सरवर अली रिजवी,अयान अब्बास ने नजरानये अकीदत पेश किया मजलिस का आगाज तालिब मेहँदी जैदी ने तिलावते कलाम पाक से किया । बैरूनी व मकामी अन्जुमनों नें की नौहा ख्वानी हुआ अलम ताबूत बरामद। आयोजक सरवर अली रिजवी ने बताया यह कार्यक्रम सुबह दस बजे शुरू हुआ ।मजलिस से पहले शोअराओं ने नजरानये अकीदत पेश किया । बादे मजलिस अलम ताबूत का जुलूस अन्जुमनों की नौहाख्वानी व सीनाजनी के साथ मोहल्ला असद नगर से नीम चैराहा होते हुए सतरिख टैम्पो स्टैण्ड हैदरगढ़रोड होते हुए वारसी कृषि उद्योग पहुंचा नौहाख्वानी करते हुए यह जुलूस नाका सतरिख से कृष्णा नगर कृष्णा हास्पिटल से मुड़कर मास्टर चतुर्वेदी आवास होते हुए असद नगर होते हुए हसन अब्बास के आवास गया । जहाँ नौहाख्वानी व सीनाजनी करने के बाद जफर अब्बास के आवास होते हुए सरवर अली के अजाखाने में अल्विदाई मातम के साथ समाप्त हुआ। अजाखाने में अल्विदाई मजलिस को जाकिरे अहलेबैत आली जनाब अहमद रजा साहब ने मसायब किये । बानिये मजलिस ने सभी का शुक्रिया अदा किया ।
नई आरजू को पूरा करने के चक्कर में,इंसान हक से दूर हो जाता है -मौ० मोहम्मद मियां आब्दी