बाराबंकी। ऐतिहासिक देवा महोत्सव को शुरू होने में अब महज चंद दिन ही शेष हैं। ऐसे में मेला परिसर में तैयारियों को अंतिम रूप देने की कवायद चल रही है। परिसर की विख्यात पशु बाजारों में विभिन्न प्रांतों से पशु व्यापारियों व जानवरों की आमद शुरू हो गई है।
परिसर में खड़ंजा की मरम्मत के अलावा रंगाई पुताई का काम भी अब दिखाई देने लगा है। ऑडिटोरियम परिसर की साज-सज्जा का काम भी अपने अंतिम चरण में है। इसके अलावा अन्य तैयारियों ने भी तेजी पकड़ी हुई है।
महोत्सव की विख्यात भैंस बाजार परिसर में खड़ी धान की फसल में पानी भरा होने से व्यापारी चिंतित हैं। वही मेला समिति के कर्मचारी पंपिंग सेट लगाकर मंडी स्थल से पानी निकलवा रहे हैं। व्यापारियों का कहना है कि यदि यही हाल रहा तो वह जानवर कहां बांध देंगे। इसको लेकर व्यापारी काफी परेशान हैं।
विभिन्न नस्लों के खच्चर, गधे व घोड़े, घोड़ी का आना शुरू हो गया है। दूरदराज के दुकानदार मेले में पहुंचकर अपनी दुकानें सजाने में जुट गए हैं। मेले की मनोरंजन गली सेक्टर छह में विभिन्न प्रकार के झूले मौत का कुआं, ब्रेक डांस, सर्किल की सेटिंग का काम जोर शोर से चल रहा है।
परिसर में खड़ंजा की मरम्मत के अलावा रंगाई पुताई का काम भी अब दिखाई देने लगा है। ऑडिटोरियम परिसर की साज-सज्जा का काम भी अपने अंतिम चरण में है। इसके अलावा अन्य तैयारियों ने भी तेजी पकड़ी हुई है।
महोत्सव की विख्यात भैंस बाजार परिसर में खड़ी धान की फसल में पानी भरा होने से व्यापारी चिंतित हैं। वही मेला समिति के कर्मचारी पंपिंग सेट लगाकर मंडी स्थल से पानी निकलवा रहे हैं। व्यापारियों का कहना है कि यदि यही हाल रहा तो वह जानवर कहां बांध देंगे। इसको लेकर व्यापारी काफी परेशान हैं।