लंबे अर्से के बाद शुक्रवार को किसी जनसभा को संबोधित करते हुए तमाम आरोपों से घिरे सपा सांसद आजम खां मंच पर ही भावुक हो गए। उन्होंने भरे गले के साथ रामपुर के लोगों से अपनी हिफाजत की गुहार लगाई है।
आजम खां ने जनता को संबोधित करते हुए कहा कि मेरी हिफाजत करो, मुझे संभालो, मुझे थकने मत दो, मेरी आवाज को कमजोर मत पड़ने दो, मेरे माथे पर लिखी बदनसीबी की लकीरों को पढ़ने की कोशिश करो। कहीं ऐसा ना हो जाए कि आने वाले दिनों में मुझ जैसा कोई बकरी चोर पैदा ना हो, जो तुम्हारे बच्चों की हाथों में कलम देना चाहता हो।
आजम खां शुक्रवार रात किला मैदान में जलसे को खिताब कर रहे थे। लोकसभा का चुनाव जीतने के बाद शुक्रिया जलसे को खिताब करने के बाद रामपुर में उनकी यह पहली जनसभा थी। इस दौरान आजम खां ने कहा कि आखिर मुझे तो कोई यह बताए कि मेरी खता क्या है। मेरी खता यह है कि मैंने बच्चों के लिए स्कूल खोला है, यूनिवर्सिटी बनवाई है?
आजम खां ने जनता को संबोधित करते हुए कहा कि मेरी हिफाजत करो, मुझे संभालो, मुझे थकने मत दो, मेरी आवाज को कमजोर मत पड़ने दो, मेरे माथे पर लिखी बदनसीबी की लकीरों को पढ़ने की कोशिश करो। कहीं ऐसा ना हो जाए कि आने वाले दिनों में मुझ जैसा कोई बकरी चोर पैदा ना हो, जो तुम्हारे बच्चों की हाथों में कलम देना चाहता हो।
आजम खां शुक्रवार रात किला मैदान में जलसे को खिताब कर रहे थे। लोकसभा का चुनाव जीतने के बाद शुक्रिया जलसे को खिताब करने के बाद रामपुर में उनकी यह पहली जनसभा थी। इस दौरान आजम खां ने कहा कि आखिर मुझे तो कोई यह बताए कि मेरी खता क्या है। मेरी खता यह है कि मैंने बच्चों के लिए स्कूल खोला है, यूनिवर्सिटी बनवाई है?
मुझे शर्म आती है ऐसी सरकार शासन और प्रशासन पर: आजम खां
यह बोलते हुए सांसद आजम खां पलभर के लिए भावुक हो गए और फिर कहा कि मैं तो तुम्हारे आंसू पोंछने आया था, बच्चों के लिए कलम लेकर आया था, लेकिन मुझे बकरी चोर, मुर्गी चोर और भैंस चोर बना दिया गया। सरकार और प्रशासन पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि मुझे शर्म आती है ऐसी सरकार पर, ऐसे शासन और प्रशासन पर।
सरकार और प्रशासन की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि सवाल करो अपनी जमीर से कि तुम कहां खड़े हो। उन्होंने कहा कि हिन्दुस्तान की तकदीर में बदलाव बच्चों की हाथों में झाड़ू नहीं बल्कि कलम देने आएगा। बच्चों की हाथों में कलम देने का काम तो मैं कर रहा था, लेकिन उसमें बाधा डालने की कोशिश की जा रही है।
सरकार और प्रशासन की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि सवाल करो अपनी जमीर से कि तुम कहां खड़े हो। उन्होंने कहा कि हिन्दुस्तान की तकदीर में बदलाव बच्चों की हाथों में झाड़ू नहीं बल्कि कलम देने आएगा। बच्चों की हाथों में कलम देने का काम तो मैं कर रहा था, लेकिन उसमें बाधा डालने की कोशिश की जा रही है।