- बाराबंकी। विजयदशमी का उल्लास मंगलवार को खचाखच भरे रामलीला मैदान मेें देखते ही बना। दशानन वध से पहले राम रावण की सेना में घमासान युद्ध हुआ। मंचन में कला-संस्कृति के रंगों संग आधुनिकता की झलक दिखराम रुपी सत्य की विजय और रावण रुपी असत्य की पराजय होते ही दशहराबाग स्थित रामलीला स्थल जयकारों से गुंजायमान हो उठा। विशालकाय पुतले में आग लगाई गई और धू-धू कर रावण का पुतला जल उठा और आतिशबाजी से आसमान सतरंगी हो गया। दर्शकों की भारी भीड़ के साथ सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त रहे।विजय दशमी का पर्व जिले भर में हर्षोल्लास के साथ मनाई गई। मेघनाद व कुंभकर्ण जैसे बलशाली रावण के भाइयों को प्रभु राम ने वधकर लंकेश को सीधे चुनौती दी। हो-हल्ला मचाती वानर और राक्षस सेना आकर्षण का विषय रही। हाथी पर सवार रावण युद्घ मैदान की ओर बढ़ चला।राम व रावण में संवाद के बाद आधुनिकतम हाइड्रोलिक मंच पर युद्घ शुरु हुआ। विभीषण प्रभु को रावण की मृत्यु का राज बताते हैं। राम के तीर छोड़ते ही रावण धराशायी हो जाता है। रावण के मरते ही स्थल जय श्री राम के उदघोष से गूंज उठता है। मेलास्थल पर नन्हें मुन्ने बच्चों ने पहुंचकर मनचाही चीजें खरीदीं। देर रात तक मेला स्थल लोगों से गुलजार रहा।
चूर हुआ दशानन का दंभ, जल गया अहंकार