नटवरलाल गुरु-चेला: ऐशो-आराम की जिंदगी के लिए पकड़ी अपराध की राह, ऐसे करते थे वारदात
आगरा में पकड़े गए 'नटवरलाल गुरु-चेला' गिरोह को लेकर चौंकाने वाली बातें सामने आई हैं। गिरोह का मास्टरमाइंड नरेश चंद वर्मा एसएवी इंटर कॉलेज, भरतना, इटावा में प्रधानाचार्य था। उसने वहां गबन किया। उसके खिलाफ गबन, जालसाजी, धोखाधड़ी का केस दर्ज हुआ। जेल भेजा गया। जमानत पर बाहर आने के बाद आगरा आकर देवरी रोड पर रहने लगा। 

नरेश ने अपराध की राह पकड़ ली। पहले अकेले करता था। इस बार जेल से निकलते ही चेले के संग मिलकर गिरोह बना लिया। वो 2012 में पहली बार जेल गया था। जेल से छूटने के बाद वो पुलिस की वर्दी पहनकर खुद को इंस्पेक्टर बताकर वसूली करने लगा। 



जेल छूटने के बाद बनाया गिरोह

शिकायत हुई तो 2016 में आगरा कैंट पर गिरफ्तार कर लिया गया। कैंट के मामले में जेल से छूटने के बाद वो फिर से ठगी करने लगा। इस बार वो सीबीसीआईडी का इंस्पेक्टर बनकर घूमने लगा। उसे पिछले साल झांसी में पकड़ा गया। उस मामले में जेल से छूटा तो अब रंगदारी मांगने लगा।

नरेश और उसके शिष्य रहे विपिन ने मध्य प्रदेश की सागर जेल में बंद सुपारी किलर हरेंद्र राणा के नाम से आगरा के दो बड़े कारोबारियों को एक-एक करोड़ की रंगदारी मांगी। विपिन ने खत पोस्ट किए थे। उसका रिश्तेदार प्रवेंद्र साथ में रहा। पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार कर लिया है।

खत लिखने के 89 लाख, भेजने के 10

नरेश ने तीनों लोगों में पैसे के बंटवारे का प्लान भी बना रखा था। कहा था कि पहले एक करोड़ मिलते ही तीन हिस्से करेंगे। वो खत लिख रहा है, इसलिए 89 लाख लेगा, विपिन खत स्पीड पोस्ट से डालेगा, वो 10 लाख लेगा। प्रवेंद्र खत डालने साथ जाएगा, उसे एक लाख मिलेंगे।

'ठाठ से रहने के लिए करता हूं अपराध'

पत्रकारों ने जब आरोपी नरेश ने पूछा कि वो अपराध क्यों करता है? उसने जवाब दिया, जब प्रधानाचार्य था, तो सवा लाख वेतन मिलता था, शाही ठाठ से रहता था। अब नौकरी नहीं है, ऐश-ओ-आराम छोड़ नहीं सकता, इसलिए वारदात करता है।

गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई

एसएसपी बबलू कुमार ने बताया कि गिरोह के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी। रंगदारी केस में जांच जल्दी पूरी कर चार्जशीट दाखिल की जाएगी। पुराने मामलों की फाइल खुलवाकर जमानत निरस्त कराई जाएगी।