दो अक्तूबर को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वच्छ भारत दिवस 2019 कार्यक्रम में शामिल होंगे। प्लास्टिक के केमिकल से होने वाले दुष्प्रभाव से बचने के लिए भारत सरकार ने सिंगल यूज प्लास्टिक के खिलाफ अभियान को जन जागरूकता तक ही सीमित रखा है और प्लास्टिक पर पूरी तरह रोक नहीं लगाने का फैसला लिया है।
जागरूकता फैलाना है सरकार का मकसद
इस संदर्भ में ट्विटर हैंडल 'स्वच्छ भारत' पर सरकार ने कहा है कि 11 सितंबर 2019 को पीएम मोदी द्वारा लॉन्च किए गए स्वच्छता ही सेवा मिशन का मकसद सिंगल यूज प्लास्टिक को बैन करना नहीं है। बल्कि सरकार का मकसद सिंगल यूज प्लास्टिक के खिलाफ जागरूकता फैलाना
इस संदर्भ में दो अधिकारियों ने कहा है कि प्लास्टिक बैग्स, कप, प्लेट, छोटी बोतल, स्ट्रॉ और कुछ प्रकार के पाउच को बैन करने के लिए अभी कोई कदम नहीं उठाया जाएगा। लेकिन यह प्रयास किया जाएगा कि प्लास्टिक कम से कम इस्तेमाल किया जाए।
वहीं पर्यावरण मंत्रालय के नौकरशाह चंद्र किशोर मिश्रा ने कहा है कि, 'सिंगल यूज प्लास्टिक के उत्पाद जैसे पॉलिथिन बैग्स और स्टेरोफॉम के स्टोरेज, मैन्युफैक्चरिंग को लेकर सरकार राज्यों से मौजूदा कानूनों को लागू करने को कहेगी।'
अगर सरकार सिंगल यूज प्लास्टिक पर पूर्ण पाबंदी लगा देती है, तो ये उद्योग के लिए ठीक नहीं होगा क्योंकि अर्थव्यवस्था में सुस्ती है और इससे कईं लोगों की नौकरी खतरे में आ सकती है। इसलिए प्लास्टिक पर पूरी तरह रोक से स्थिति और बिगड़ सकती है।
इस संदर्भ में दो अधिकारियों ने कहा है कि प्लास्टिक बैग्स, कप, प्लेट, छोटी बोतल, स्ट्रॉ और कुछ प्रकार के पाउच को बैन करने के लिए अभी कोई कदम नहीं उठाया जाएगा। लेकिन यह प्रयास किया जाएगा कि प्लास्टिक कम से कम इस्तेमाल किया जाए।
वहीं पर्यावरण मंत्रालय के नौकरशाह चंद्र किशोर मिश्रा ने कहा है कि, 'सिंगल यूज प्लास्टिक के उत्पाद जैसे पॉलिथिन बैग्स और स्टेरोफॉम के स्टोरेज, मैन्युफैक्चरिंग को लेकर सरकार राज्यों से मौजूदा कानूनों को लागू करने को कहेगी।'
क्या है सिंगल यूज प्लास्टिक
सिंगल यूज प्लास्टिक वह है, जिसका प्रयोग केवल एक ही बार किया जाए। इसमें प्लास्टिक की थैलियां, प्लेट, ग्लास, चम्मच, बोतलें, स्ट्रॉ और थर्माकोल शामिल हैं। इनका एक बार इस्तेमाल के बाद फेंक दिया जाता है। इस प्लास्टिक में पाए जाने वाले केमिकल पर्यावरण के साथ ही लोगों के लिए काफी घातक हैं।
इन विकल्पों का करें इस्तेमाल
प्लास्टिक की जगह पेपर के बने स्ट्रॉ का प्रयोग कर सकते हैं। प्लास्टिक की पानी के बोतलों के स्थान पर कॉपर, शीशा या धातु की बोतलों का प्रयोग करें। प्लास्टिक के कप की जगह पेपर से बनी प्याली का इस्तेमाल कर सकते हैं।प्लास्टिक के स्थान पर जूट या कागज से बनी थैली का प्रयोग कर सकते हैं।प्लास्टिक के स्थान पर स्टील के चाकू, चम्मच का इस्तेमाल करसकते हैं। लकड़ी के चम्मच भी मार्केट में उपलब्ध है।