अमरावती में निर्माण कार्यों का जायजा लेने पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू को ले जा रही बस पर चप्पल फेंकी गई। यह घटना उस समय हुई जब टीडीपी प्रमुख की बस वेंकटापलेम के पास से गुजर ये किसान वाईएसआर कांग्रेस के समर्थन में नायडू के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। गौरतलब हो कि वाईएसआर कांग्रेस ने पहले ही कहा था कि वह चंद्रबाबू नायडू के अमरावती दौरे का विरोध करेगी। साथ ही उन्होंने कहा था कि वह किसानों के साथ मिलकर नायडू के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे।
चंद्रबाबू नायडू गुरुवार को अमरावती में चल रहे निर्माण कार्यों का जायजा लेने पहुंचे थे। यहां उन्होंने कहा कि हैदराबाद के तर्ज पर हम अमरावती को रहने के लिए सबसे बेहतरीन जगह बनाना चाहते थे, लेकिन इस व्यक्ति (जगन मोहन रेड्डी) ने इस अवधारणा को बर्बाद कर दिया।
कार्यों का जायजा लेने पहुंचे पूर्व सीएम ने मीडिया से कहा कि मैंने एक विकसित हैदराबाद के लिए 'विजन 2020' दिया था और आज इसे रहने योग्य सबसे बेहतरीन शहरों में से एक का दर्जा दिया गया है। उन्होंने कहा कि उस अनुभव के साथ मैंने अमरावती को लेकर भी ऐसी ही योजना बनाई, लेकिन इस व्यक्ति (जगन मोहन रेड्डी) ने इसकी अवधारणा को नष्ट कर दिया।
गौरतलब है कि किसानों के एक समूह ने हाल ही में राजधानी को स्थानांतरित करने के किसी भी कदम के खिलाफ अमरावती उच्च न्यायालय का रुख किया था। इन किसानों ने भूमि पूलिंग मॉडल के तहत नायडू के शासनकाल के दौरान 29 गांवों में अपनी भूमि को दे दिया था।
बता दें कि बुधवार को अमरावती क्षेत्र के अंतर्गत 29 गांवों में से एक रायपुडी में दलित किसानों के एक समूह ने मांग की कि नायडू ने उनके शासन में भूमि पूलिंग प्रक्रिया में उनके निर्दिष्ट भूमि के लिए दिए गए मुआवजे राशि में भेदभाव करने के लिए पहले माफी मांगे। किसानों के समूह ने काले झंडों के साथ एक रैली की, जिसमें नायडू के उनके गाँवों के दौरे का विरोध किया गया।
चंद्रबाबू नायडू गुरुवार को अमरावती में चल रहे निर्माण कार्यों का जायजा लेने पहुंचे थे। यहां उन्होंने कहा कि हैदराबाद के तर्ज पर हम अमरावती को रहने के लिए सबसे बेहतरीन जगह बनाना चाहते थे, लेकिन इस व्यक्ति (जगन मोहन रेड्डी) ने इस अवधारणा को बर्बाद कर दिया।
कार्यों का जायजा लेने पहुंचे पूर्व सीएम ने मीडिया से कहा कि मैंने एक विकसित हैदराबाद के लिए 'विजन 2020' दिया था और आज इसे रहने योग्य सबसे बेहतरीन शहरों में से एक का दर्जा दिया गया है। उन्होंने कहा कि उस अनुभव के साथ मैंने अमरावती को लेकर भी ऐसी ही योजना बनाई, लेकिन इस व्यक्ति (जगन मोहन रेड्डी) ने इसकी अवधारणा को नष्ट कर दिया।
गौरतलब है कि किसानों के एक समूह ने हाल ही में राजधानी को स्थानांतरित करने के किसी भी कदम के खिलाफ अमरावती उच्च न्यायालय का रुख किया था। इन किसानों ने भूमि पूलिंग मॉडल के तहत नायडू के शासनकाल के दौरान 29 गांवों में अपनी भूमि को दे दिया था।
बता दें कि बुधवार को अमरावती क्षेत्र के अंतर्गत 29 गांवों में से एक रायपुडी में दलित किसानों के एक समूह ने मांग की कि नायडू ने उनके शासन में भूमि पूलिंग प्रक्रिया में उनके निर्दिष्ट भूमि के लिए दिए गए मुआवजे राशि में भेदभाव करने के लिए पहले माफी मांगे। किसानों के समूह ने काले झंडों के साथ एक रैली की, जिसमें नायडू के उनके गाँवों के दौरे का विरोध किया गया।