अंतरिक्ष टेक्नॉलॉजी में सुपर पॉवर बनेगा भारत, आईआईटी और इसरो ने मिलाया हाथ
इसरो का मिशन चंद्रयान-2 अपेक्षा के अनुरूप भले ही सफल न हो पाया हो, लेकिन भारतीय वैज्ञानिकों ने देश को अंतरिक्ष टेक्नॉलॉजी में अजेय बनाने की ठान ली है। इसके लिए देश के दो बड़े संगठनों ISRO और IIT Delhi ने साथ मिलकर काम करने का फैसला किया है। योजना के मुताबिक आईआईटी के छात्र और वैज्ञानिक अंतरिक्ष में भारत की जरुरतों को ध्यान में रखते हुए रिसर्च कार्य को अंजाम देंगे।


इसके लिए आईआईटी के दिल्ली कैंपस में एक अलग सेल की स्थापना की जाएगी। 'इसरो स्पेस टेक्नॉलॉजी सेल' के नाम से बनने वाले इस सेल में इसरो के वैज्ञानिक भी सहयोग करेंगे। इस सेल का आर्थिक भार इसरो वहन करेगा।

इसरो को दक्ष वैज्ञानिक मिलेंगे


आईआईटी, दिल्ली के निदेशक प्रो. वी. रामगोपाल राव ने शुक्रवार को एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कहा कि इस सेल में आईआईटी के छात्र काम करेंगे। इससे भविष्य में इसरो को तकनीकी रुप से दक्ष वैज्ञानिक मिल सकेंगे। इससे इसरो को भी लाभ होगा। साथ ही, छात्रों को भी एक अन्य बेहद रोमांचकारी क्षेत्र में काम करने का अनुभव मिलेगा।

एम्स के साथ भी कर रहा है काम


दरअसल, आईआईटी तकनीकी ज्ञान को जमीनी जरूरतों के हिसाब से ढालने के मिशन पर काम कर रहा है। यही कारण है कि वह विभिन्न शीर्ष संगठनों से मिलकर उनके क्षेत्र में आने वाली तकनीकी कठिनाइयों को समझकर उसका निदान पाने की कोशिशों में लगा है। आईआईटी इसके पहले भी ऑल इंडिया आयुर्विज्ञान संस्थान, आईसीएआर, एनआईआईटी और क्लेम्सन यूनिवर्सिटी के साथ मिलकर कई अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों में काम कर रहा है।

50वां दीक्षांत समारोह शनिवार को


आईआईटी दिल्ली इस शनिवार को अपना 50वां दीक्षांत समारोह मना रहा है। इस कार्यक्रम में 1217 छात्रों को उनकी डिग्री और पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे। इनमें सबसे ज्यादा छात्र एमटेक (505) और शोध कार्य (331) से जुड़े हैं। इस अवसर पर डाक विभाग की तरफ से एक विशेष टिकट भी जारी किया जाएगा। इस समारोह में इसरो प्रमुख डॉ. के. सिवन प्रमुख अतिथि होंगे।