15वें दलाईलामा के चयन को लेकर धर्मशाला में प्रस्ताव पारित कर वरिष्ठ बौद्ध लामाओं ने चीन सरकार के दलाईलामा के पुनर्जन्म पर अधिकार के दावे को नकार दिया। उन्होंने साफ कहा कि दलाईलामा के चयन को लेकर चीन का कोई रोल नहीं है।
धर्मशाला में बुधवार शाम को निर्वासित तिब्बत सरकार के धर्म एवं संस्कृति विभाग की ओर से तीन दिवसीय तिब्बती धार्मिक सम्मेलन शुरू हुआ। इसमें दुनिया भर से वरिष्ठ बौद्ध लामाओं और निर्वासित तिब्बत सरकार के नेताओं ने भाग लिया।
इसमें दलाईलामा के पुनर्जन्म को लेकर सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित हुआ। इसमें कहा गया कि दलाईलामा के अगले पुनर्जन्म के विषय में निर्णय का अधिकार पूरी तरह से दलाईलामा का रहेगा।
किसी सरकार या अन्य व्यक्ति के पास ऐसा कोई अधिकार नहीं होगा। यदि चीन सरकार दलाईलामा के लिए उम्मीदवार चुनती है तो तिब्बती लोग उस उम्मीदवार का सम्मान नहीं करेंगे और न ही मान्यता देंगे।
इसमें दलाईलामा के पुनर्जन्म को लेकर सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित हुआ। इसमें कहा गया कि दलाईलामा के अगले पुनर्जन्म के विषय में निर्णय का अधिकार पूरी तरह से दलाईलामा का रहेगा।
किसी सरकार या अन्य व्यक्ति के पास ऐसा कोई अधिकार नहीं होगा। यदि चीन सरकार दलाईलामा के लिए उम्मीदवार चुनती है तो तिब्बती लोग उस उम्मीदवार का सम्मान नहीं करेंगे और न ही मान्यता देंगे।