छेड़छाड़ व देर से वेतन मिलने की शिकायत करने पर केबिन क्रू व अटेंडेंट को नौकरी से निकाला
देश की पहली कॉर्पोरेट ट्रेन तेजस एक्सप्रेस की केबिन क्रू व अटेंडेंट को बगैर नोटिस नौकरी से निकाल दिया गया है। स्टाफ ने शिकायत दर्ज कराई है कि 18-18 घंटे ड्यूटी करने, देरी से मिलने वाली सैलरी व यात्रियों के छेड़छाड़ करने की शिकायत की वजह से उन्हें निकाला गया है।


बता दें कि तेजस एक्सप्रेस में निजी फर्म के जरिये स्टाफ की तैनाती की गई है। इसका संचालन आईआरसीटीसी के हाथ में है और सेवा-सत्कार के लिए वृंदावन फूड प्रोडक्ट्स, आरके एसोसिएट्स को जिम्मेदारी सौंपी गई है। फर्म ने केबिन क्रू व अटेंडेंट के लिए करीब 40 युवक-युवतियों की तैनाती की थी, जिसे घटाकर आधा कर दिया गया है। वह भी बगैर नोटिस दिए।
तेजस में बतौर मैनेजर काम करने वाली अवंतिका सिंह ने बताया कि सुबह 6.10 बजे ट्रेन लखनऊ जंक्शन से रवाना होती है, लिहाजा पांच बजे उन्हें ड्यूटी पर आना पड़ता था। फिर रात वापसी तक 18-18 घंटे काम कराया जाता था। इस बीच आराम भी नहीं मिलता था। दीपावली के बाद उन्हें जॉब से बगैर नोटिस के हटा दिया गया, जबकि कम से कम एक महीने का नोटिस दिया जाना चाहिए था।
वहीं, क्रू मेम्बर प्राची पटेल ने बताया कि हेक्टिक शेड्यूल होने की वजह से उन्हें एक बार कानपुर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। होश आने पर आराम के लिए छुट्टी भी नहीं मिली और दोबारा ड्यूटी पर बुला लिया गया। इतने संघर्ष के बाद भी नौकरी से हटा दिया।


'ड्यूटी के दौरान महिला स्टाफ के साथ यात्री छेड़छाड़ तक कर देते थे'




अटेंडेंट विशाल ने बताया कि ड्यूटी के दौरान महिला स्टाफ के साथ यात्री छेड़छाड़ तक कर देते थे। जबरन सेल्फी लेने लगते थे और शिकायत पर मुंह बंद रखने को कहा जाता था। नम्रता मिश्रा ने बताया कि ट्रेनिंग के नाम पर भी परेशान किया जाता था। विरोध करने पर नौकरी से निकाल देने की धमकी दी जाती थी। इसके अलावा मेकअप ठीक से नहीं होने पर भी सीनियर मैनेजर जुर्माना वसूलते थे। केबिन क्रू वैष्णवी सिंह ने बताया कि छेड़खानी व लगातार ड्यूटी की शिकायत उन्होंने आईआरसीटीसी अधिकारियों से भी की थी, जिस पर जल्द कार्रवाई का आश्वासन दिया गया था।
आरोप बेबुनियाद
सारे आरोप बेबुनियाद हैं। किसी को नौकरी से हटाया नहीं गया है। जब दूसरी तेजस चलाई जाएगी या इस ट्रेन में बोगियां बढ़ाई जाएंगी तो इन्हें दोबारा नौकरी पर रखा जाएगा। - प्रदीप सिंह, एचआर, वृंदावन फूड