अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के एक प्रोफेसर पर एक युवक ने नौकरी दिलाने के नाम पर ढाई लाख रुपये की ठगी का आरोप लगाया है। पीड़ित ने पुलिस सहित अदालत में भी प्रोफेसर के खिलाफ अर्जी दाखिल कर मुकदमा दर्ज करने की मांग की है।
शिकायतकर्ता मो. जिलानी निवासी बुधौल, रफीगंज, औरंगाबाद, बिहार व हाल निवासी नगला पटवारी का आरोप है कि एएमयू के एक परिचित प्रोफेसर के माध्यम से बेटे मो. आमिर की एएमयू में अस्थाई चपरासी की नौकरी लगवाई थी।
कुछ दिन बाद प्रोफेसर ने कहा कि उसका बेटा अच्छा काम कर रहा है। वह उसे स्थायी करवा देगा। इसके एवज में ढाई लाख रुपये ले लिए। मगर, उसने नौकरी नहीं लगवाई। पैसे वापस मांगने पर बेटे को अस्थायी नौकरी से भी हटवा दिया।
बेटे का चार माह का वेतन भी रोक लिया। इस मामले में कोर्ट और पुलिस अधिकारियों को अर्जी देकर मुकदमे की मांग की है। इधर, प्रोफेसर का आरोप है कि शिकायतकर्ता उसके पैतृक क्षेत्र का है।
उसकी मदद करते हुए अस्थाई चपरासी की नौकरी दिलाई थी। कुछ माह नौकरी के बाद उसने अपने एक निजी काम के लिए उधार लिए थे। उनमें से कुछ रुपये लौटा दिए हैं। अब उसकी नीयत खराब हो गई है। पैसे न देने पड़ें। इसलिए ठगी जैसे आरोप लगा रहा है।
कुछ दिन बाद प्रोफेसर ने कहा कि उसका बेटा अच्छा काम कर रहा है। वह उसे स्थायी करवा देगा। इसके एवज में ढाई लाख रुपये ले लिए। मगर, उसने नौकरी नहीं लगवाई। पैसे वापस मांगने पर बेटे को अस्थायी नौकरी से भी हटवा दिया।
बेटे का चार माह का वेतन भी रोक लिया। इस मामले में कोर्ट और पुलिस अधिकारियों को अर्जी देकर मुकदमे की मांग की है। इधर, प्रोफेसर का आरोप है कि शिकायतकर्ता उसके पैतृक क्षेत्र का है।
उसकी मदद करते हुए अस्थाई चपरासी की नौकरी दिलाई थी। कुछ माह नौकरी के बाद उसने अपने एक निजी काम के लिए उधार लिए थे। उनमें से कुछ रुपये लौटा दिए हैं। अब उसकी नीयत खराब हो गई है। पैसे न देने पड़ें। इसलिए ठगी जैसे आरोप लगा रहा है।