जिले के नोडल एडीजी (एटीएस) के जेल के निरीक्षण के बाद सोमवार की दोपहर 1.30 बजे वहां भगदड़ मच गई। इसमें तीन महिलाएं घायल हो गईं। जेल प्रशासन और पीएसी के जवानों ने किसी तरह स्थिति को संभाला। जेल अस्पताल में उपचार कराने के बाद महिलाएं घर चली गईं।
दरअसल, सोमवार की वजह से जेल में मुलाकातियों की संख्या ज्यादा थी। सुबह से ही लोग कतार में लगे थे। मुहर लगाकर मुलाकात शुरू ही होने वाला था कि दोपहर 12.10 बजे नोडल अधिकारी एडीजी (एटीएस) डीके ठाकुर निरीक्षण के लिए पहुंच गए। इसलिए मुलाकात बंद कर दी गई। एडीजी करीब 1.30 निरीक्षण कर बाहर निकले।
उनके जाने के बाद जैसे ही मुलाकात के लिए गेट खोला गया तो मुलाकाती में धक्का-मुक्की शुरू हो गई। इससे आगे खड़ीं तीन महिला मुलाकाती जमीन पर गिर गईं।
पीछे की भीड़ उनके ऊपर चढ़ कर आगे बढ़ने लगी। यह देखकर एडीजी को बाहर छोड़ुने आए वरिष्ठ जेल अधीक्षक डॉ रामधनी ने तुरंत जेलकर्मियों को स्थिति संभालने का निर्देश दिया। तत्काल जेलकर्मियों व पीएसी के जवानों ने लोगों को संभाला और किनारे कराया।
बाद में जेलर प्रेमसागर शुक्ला ने घायल महिला मुलाकातियों को अंदर बुलाकर जेल के अस्पताल में इलाज कराया। मुलाकात करने आए सोनू और अमरजीत निषाद ने बताया कि वे सुबह 11.30 बजे से ही मुहर लगवाने के बाद कतार में खड़े थे। तभी अधिकारी अंदर आ गए और मुलाकात बंद हो गई। दोपहर 1.30 बजे मुलाकात शुरू हुई तो भगदड़ मच गई।
छोटी सी नादानी में भुगतनी पड़ी चार घंटे की सजा
गोरखपुर। बांसगांव से जेल में मुलाकात करने आए एक युवक को छोटी सी नादानी में चार घंटे की सजा भुगतनी पड़ी। हुआ यह कि रविवार की दूसरी पारी के मुलाकात में दोपहर एक बजे युवक किसी बंदी से मुलाकात करने गया था। मुलाकात के बाद दो बजे बाहर निकलते समय गेट नंबर दो के जेलकर्मियों ने उसे रोक लिया। उसके हथेली पर लगा गेट नंबर दो का मुलाकात हस्ताक्षर मिट गया था। लिहाजा जेलर ने उसे अपने कक्ष मेें बैठा लिया। शाम छह बजे बंदियों की गिनती के बाद सबकुछ सही रहने पर उसे बाहर निकाला गया।
उनके जाने के बाद जैसे ही मुलाकात के लिए गेट खोला गया तो मुलाकाती में धक्का-मुक्की शुरू हो गई। इससे आगे खड़ीं तीन महिला मुलाकाती जमीन पर गिर गईं।
पीछे की भीड़ उनके ऊपर चढ़ कर आगे बढ़ने लगी। यह देखकर एडीजी को बाहर छोड़ुने आए वरिष्ठ जेल अधीक्षक डॉ रामधनी ने तुरंत जेलकर्मियों को स्थिति संभालने का निर्देश दिया। तत्काल जेलकर्मियों व पीएसी के जवानों ने लोगों को संभाला और किनारे कराया।
बाद में जेलर प्रेमसागर शुक्ला ने घायल महिला मुलाकातियों को अंदर बुलाकर जेल के अस्पताल में इलाज कराया। मुलाकात करने आए सोनू और अमरजीत निषाद ने बताया कि वे सुबह 11.30 बजे से ही मुहर लगवाने के बाद कतार में खड़े थे। तभी अधिकारी अंदर आ गए और मुलाकात बंद हो गई। दोपहर 1.30 बजे मुलाकात शुरू हुई तो भगदड़ मच गई।
छोटी सी नादानी में भुगतनी पड़ी चार घंटे की सजा
गोरखपुर। बांसगांव से जेल में मुलाकात करने आए एक युवक को छोटी सी नादानी में चार घंटे की सजा भुगतनी पड़ी। हुआ यह कि रविवार की दूसरी पारी के मुलाकात में दोपहर एक बजे युवक किसी बंदी से मुलाकात करने गया था। मुलाकात के बाद दो बजे बाहर निकलते समय गेट नंबर दो के जेलकर्मियों ने उसे रोक लिया। उसके हथेली पर लगा गेट नंबर दो का मुलाकात हस्ताक्षर मिट गया था। लिहाजा जेलर ने उसे अपने कक्ष मेें बैठा लिया। शाम छह बजे बंदियों की गिनती के बाद सबकुछ सही रहने पर उसे बाहर निकाला गया।