एक पिता ने अपनी बेटी की कस्टडी पाने के लिए कोर्ट में अपील की। अदालत ने बेटी से पूछा कि वो किसके साथ रहेगी। इसका जवाब किसी की भी आंखें नम कर देगा। बेटी ने कहा कि वह पैदा होने से लेकर आज तक अपनी मां के साथ रह रही है। पिता को उसने पहली बार कोर्ट में ही देखा था। ऐसे में आज वह उस पिता के साथ कैसे चली जाए।
दरअसल, शमा (बदला हुआ नाम) के माता-पिता का विवाह 2005 में हुआ था। पांच के दरम्यान शमा का जन्म हुआ, लेकिन माता-पिता के बीच विवाद हो गया। नतीजा दोनों अलग रहने लगे। बेटी मां के साथ रहने लगी। फिर शुरू हुआ अदालती मामला। बेटी भी अपनी मां के साथ बरेली की अदालत में जाती थी। उसने अपने पिता को भी पहली बाद अदालत में ही देखा था।
अब शमा 13 साल की हो गई है। उसके पिता बेटी की कस्टडी चाहते हैं। पिता ने बरेली की अदालत से निवेदन किया कि उसे उसकी बेटी की परवरिश की जिम्मेदारी सौंपी जाए। बकौल पिता, वह आर्थिक रूप से संपन्न है और बेटी के भविष्य के लिए यह जरूरी है। लेकिन बेटी ने ऐशो-आराम को न कहते हुए मां के साथ रहने की गुजारिश की। मामले की अगली सुनवाई 11 दिसंबर 2019 को बरेली कोर्ट में ही होगी।
अब शमा 13 साल की हो गई है। उसके पिता बेटी की कस्टडी चाहते हैं। पिता ने बरेली की अदालत से निवेदन किया कि उसे उसकी बेटी की परवरिश की जिम्मेदारी सौंपी जाए। बकौल पिता, वह आर्थिक रूप से संपन्न है और बेटी के भविष्य के लिए यह जरूरी है। लेकिन बेटी ने ऐशो-आराम को न कहते हुए मां के साथ रहने की गुजारिश की। मामले की अगली सुनवाई 11 दिसंबर 2019 को बरेली कोर्ट में ही होगी।