माध्यमिक स्कूलों में पढ़ाने के लिए रिटायर्ड शिक्षक भी नहीं मिल रहे
माध्यमिक शिक्षा विभाग के राजकीय एवं सहायता प्राप्त हाईस्कूल और इंटर कॉलेजों में सेवानिवृत्त शिक्षक भी काम नहीं करना चाहते हैं। ढाई वर्ष में माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड से चयनित अभ्यर्थियों में से भी करीब 20 फीसदी ने कार्यभार ग्रहण नहीं किया है। शिक्षक नहीं मिलने से बोर्ड परीक्षा से पहले स्कूलों में शिक्षण व्यवस्था बिगड़ रही है।


दरअसल, राज्य सरकार ने राजकीय और सहायता प्राप्त स्कूलों में स्थायी शिक्षकों की नियुक्ति होने तक रिटायर्ड शिक्षकों की तैनाती की व्यवस्था शुरू की है। इसके लिए हर जिले में राजकीय स्कूलों के लिए बनाए गए सेवानिवृत्त शिक्षकों के पूल में 1200 शिक्षक पंजीकृत किए गए थे। लेकिन जरूरत 1527 शिक्षकों की है। पंजीकृत शिक्षकों में से 795 ने ही स्कूलों में कार्यभार ग्रहण किया। गोरखपुर, मैनपुरी, कासगंज, आजमगढ़, महाराजगंज, शाहजहांपुर, हमीरपुर और श्रावस्ती में एक भी शिक्षक ने कार्यभार ग्रहण नहीं किया।
इसी तरह सहायता प्राप्त माध्यमिक स्कूलों के लिए जिलों में बने रिटायर्ड शिक्षकों के पूल में 4075 शिक्षक पंजीकृत हैं। इनमें से 3789 शिक्षकों की नियुक्ति की डिमांड थी। लेकिन 2351 सेवानिवृत्त शिक्षकों ने ही सहायता प्राप्त स्कूलों में कार्यभार ग्रहण किया। मैनपुरी, आजमगढ़, महोबा, लखनऊ और गाजीपुर में एक भी रिटायर्ड शिक्षक ने कार्यभार ग्रहण नहीं किया।

बड़ी संख्या में पद रिक्त
प्रदेश के 2258 राजकीय हाई स्कूलों एवं इंटर कॉलेजों में प्रवक्ता के 8458 में से 5315 पद और सहायक अध्यापक के 18491 में से 11440 से अधिक पद रिक्त हैं। इसी प्रकार 4512 सहायता प्राप्त स्कूलों में प्रवक्ता के 22303 में से 2297 और सहायक अध्यापक के 72120 में से 14122 पद रिक्त हैं।

ग्रामीण क्षेत्रों में सबसे ज्यादा पद खाली



ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित राजकीय एवं सहायता प्राप्त स्कूलों में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है। वहां शिक्षकों के पद बड़ी संख्या में रिक्त हैं और सेवानिवृत्त शिक्षक भी गांवों में जाना नहीं चाहते हैं। जिला विद्यालय निरीक्षकों ने सेवानिवृत्त शिक्षकों से व्यक्तिगत संपर्क कर ग्रामीण स्कूलों में शिक्षण कार्य का आग्रह किया, लेकिन खास सफलता हाथ नहीं लगी है।
बोर्ड से चयनित अभ्यर्थी भी नहीं आए
माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड ने 1 अप्रैल 2017 से अक्तूबर 2019 तक 6167 सहायक अध्यापकों का चयन किया है। इसमें से 4927 ने सहायता प्राप्त स्कूलों में कार्यभार ग्रहण किया जबकि 1205 ने कार्यभार ग्रहण नहीं किया।
वैकल्पिक व्यवस्था के लिए बीएड के विद्यार्थियों को स्कूलों में लगाया जा रहा है। जल्द ही चयन बोर्ड व लोक सेवा आयोग से नए चयनित शिक्षक मिल जाएंगे। इससे शिक्षण व्यवस्था में और सुधार होगा।
- डॉ. दिनेश शर्मा, उप मुख्यमंत्री