महाराष्ट्र: नए समीकरण में जुटे सभी दल, भाजपा-एनसीपी तो शिवसेना-कांग्रेस से बढ़ा रही नजदीकी

महाराष्ट्र में सत्ता का दंगल अब भी जारी है। सूत्रों के अनुसार सभी पार्टियां नए समीकरण बनाने में जुट गई हैं। भाजपा ने एनसीपी से नजदीकियां बढ़ानी शुरू कर दी है वहीं शिवसेना कांग्रेस के करीब जाती दिख रही है। शरद पवार के बयानों ने राज्य में चल रहे सियासी गतिरोध को और उलझा दिया है। एनसीपी अपनी भावी रणनीति तय करने के लिए मुंबई में बैठक कर रही है। माना जा रहा है कि इस बैठक के बाद कोई बड़ी घोषणा हो सकती है


भावी रणनीति तय करने के लिए एनसीपी की बैठक
एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार, अजीत पवार और अन्य नेताओं के साथ मुंबई के वाईबी चव्हाण सेंटर पहुंचे हैं। यहां होने वाली बैठक में पार्टी महाराष्ट्र में जारी गतिरोध पर अपनी भावी रणनीति तय करेगी।
सत्ता संघर्ष सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा
महाराष्ट्र में जारी सत्ता संघर्ष सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच चुका है। शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस की गठबंधन सरकार बनने से पहले ही राज्य में राष्ट्रपति शासन लग गया। राज्यपाल की सिफारिश को मंगलवार शाम को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राष्ट्रपति शासन को मंजूरी दी। 
महाराष्ट्र में जैसे ही राष्ट्रपति शासन लगा तो शिवसेना ने सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर कर दी। शिवसेना ने दायर अपील में राज्यपाल के द्वारा अधिक समय ना दिए जाने का हवाला दिया गया है। हालांकि शिवसेना ने राष्ट्रपति शासन लगाने के खिलाफ दूसरी याचिका दायर नहीं की है।
कांग्रेस विधायकों की मुंबई वापसी आज
कांग्रेस के नवनिर्वाचित 44 विधायक आज जयपुर से मुंबई रवाना होंगे। कांग्रेस ने खरीद-फरोख्त के डर से अपने विधायकों को पिछले पांच दिनों से जयपुर के एक रिसोर्ट में ठहराया हुआ था। 
ट्राइडेंट होटल में अहमद पटेल से मिले उद्धव ठाकरे
राज्य में बदलते सियासी हालात पर चर्चा करने के लिए मंगलवार रात को शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल से मुलाकात की। बताया जा रहा है कि दोनों नेताओं ने आगे की रणनीति पर चर्चा की। यह मुलाकात करीब आधे घंटे तक जारी रही।
शरद पवार से मिले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता
इसके अलावा मुंबई के वाईबी चव्हाण सेंटर में अहमद पटेल, मल्लिकार्जुन खड़गे और केसी वेणुगोपाल ने एनसीपी प्रमुख शरद पवार के साथ बैठक की। सूत्रों के अनुसार, एनसीपी ने कहा कि स्थायी सरकार के लिए कांग्रेस को सरकार का हिस्सा बनना चाहिए। जबकि कांग्रेस आगामी शिवसेना-एनसीपी की सरकार को बाहर से समर्थन देने के मूड में है।