नागरिकता कानून में संशोधन के प्रयासों के विरोध को देखते हुए केंद्र सरकार ने इसके लिए आम सहमति बनाने के प्रयास शुरू कर दिए हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने उत्तरपूर्वी राज्यों के मुख्यमंत्रियों, विभिन्न नेताओं, सामाजिक-सांस्कृतिक संगठनों, छात्र संगठनों और राजनीतिक दलों को नागरिकता संशोधन बिल पर वार्ता के लिए बुलाया है। अधिकारियों ने गुरुवार को बताया कि इन वार्ताओं का आयोजन अगले दो दिन यानी शुक्रवार और शनिवार को किया जाएगा।
अधिकारियों ने बताया कि इन वार्ताओं में आमंत्रित किए गए संगठनों में उत्तरपूर्वी छात्र संगठन, ऑल बोडो छात्र यूनियन और मेघालय, नागालैंड व अरुणाचल प्रदेश के छात्र संगठन शामिल हैं। इन राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वार्ता का आयोजन शनिवार को किया जाएगा। आमंत्रित राजनीतिक दलों में स्थानीय के अलावा केंद्रीय दलों के उत्तरपूर्वी राज्यों के अध्यक्ष भी शामिल हैं। अधिकारियों ने कहा कि इन बैठकों में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के भी उपस्थित रहने की उम्मीद है।
सोमवार को लिया गया था खुफिया फीडबैक
गृह मंत्रालय का उत्तरपूर्वी राज्यों से संपर्क करने का यह कदम उस खुफिया फीडबैक के बाद सामने आया है, जो सोमवार को केंद्र सरकार की तरफ से पिछले कुछ सप्ताह में इन राज्यों की सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा के दौरान सामने आया था।
राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय में आयोजित समीक्षा बैठक में उत्तरपूर्वी राज्यों, असम राइफल्स व अर्द्धसैनिक बलों की खुफिया एजेंसियों के प्रमुख मौजूद थे। एक अधिकारी के मुताबिक, इस दौरान सभी खुफिया इनपुट का विश्लेषण किया गया था। सरकार की तरफ से इस दौरान खासतौर पर नागरिकता संशोधन बिल को लेकर आम आदमी के रुख की जानकारी मांगी गई थी।
राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय में आयोजित समीक्षा बैठक में उत्तरपूर्वी राज्यों, असम राइफल्स व अर्द्धसैनिक बलों की खुफिया एजेंसियों के प्रमुख मौजूद थे। एक अधिकारी के मुताबिक, इस दौरान सभी खुफिया इनपुट का विश्लेषण किया गया था। सरकार की तरफ से इस दौरान खासतौर पर नागरिकता संशोधन बिल को लेकर आम आदमी के रुख की जानकारी मांगी गई थी।