मुजफ्फरनगर के छपार क्षेत्र के गांव खामपुर निवासी जावेद अली सऊदी अरब में कारपेंटर की नौकरी करता था। सोमवार देर रात सऊदी अरब से लौटते समय एनआईए की टीम ने दिल्ली एयरपोर्ट से जावेद को गिरफ्तार कर लिया था।
जावेद के पिता इमरान के परिवार में दो बेटे व तीन बेटियां हैं। इमरान की पत्नी की करीब 16 साल पूर्व बीमारी से मौत हो चुकी है, जिसके बाद पुश्तैनी करीब छह बीघा जमीन में खेती-बाड़ी कर इमरान ने ही सभी बच्चों को पाला-पोसा। दो बेटों में जावेद बड़ा व शाहवेज छोटा है। इनमें जावेद की शादी करीब 12 साल पूर्व देवबंद क्षेत्र के गांव सांपला खत्री निवासी शमशाद की बेटी रूबी से हुई थी।
जावेद को दो बेटियां हैं, जिनमें बड़ी बेटी शफक (9) व छोटी बेटी इनायत (3) हैं। छोटे बेटे शाहवेज की शादी नहीं हुई है। वहीं, तीन बेटियों में से दो की शादी मार्च-18 में की गई थी। इनमें बड़ी बहन अलतरफा की शादी गांव खुड्डा व उससे छोटी शहनाज की शादी देवबंद क्षेत्र के गांव गोपाली में हुई थी।
इन्हीं दोनों बहनों की शादी में जावेद ने सऊदी अरब में रहते हुए करीब तीन लाख रुपये हवाला कारोबार के माध्यम से परिजनों को भेजे थे, जिसमें एनआईए ने उसे गिरफ्तार किया है। वहीं, सबसे छोटी बहन सोबिया अविवाहित है।
पिता इमरान ने बताया कि जावेद शादी के करीब तीन साल बाद सऊदी अरब जाकर नौकरी करने लगा था और तभी से लगातार वहीं काम कर रहा था। इन नौ साल में वह केवल तीन बार परिजनों से मिलने के लिए स्वदेश लौटा था। आखिरी बार जावेद तीन साल पूर्व चाचा गय्यूर की बेटी भूरी की शादी में शामिल होने सऊदी अरब से आया था।
इन्हीं दोनों बहनों की शादी में जावेद ने सऊदी अरब में रहते हुए करीब तीन लाख रुपये हवाला कारोबार के माध्यम से परिजनों को भेजे थे, जिसमें एनआईए ने उसे गिरफ्तार किया है। वहीं, सबसे छोटी बहन सोबिया अविवाहित है।
पिता इमरान ने बताया कि जावेद शादी के करीब तीन साल बाद सऊदी अरब जाकर नौकरी करने लगा था और तभी से लगातार वहीं काम कर रहा था। इन नौ साल में वह केवल तीन बार परिजनों से मिलने के लिए स्वदेश लौटा था। आखिरी बार जावेद तीन साल पूर्व चाचा गय्यूर की बेटी भूरी की शादी में शामिल होने सऊदी अरब से आया था।
दो साल पहले लश्कर के एक सरगना शेख अब्दुल नईम उर्फ सोहेल खान को एनआईए ने गिरफ्तार किया था। उससे पूछताछ के बाद खुलासा हुआ था कि जावेद सऊदी अरब से हवाला के जरिए मुजफ्फरनगर हवाला चैनल के माध्यम से टेरर फंडिंग कर रहा है।
इस मामले में नईम के अलावा पांच अन्य को भी गिरफ्तार किया गया था। जिनमें मुजफ्फरनगर के दो सराफ आदीश जैन और दिनेश उर्फ अंकित गर्ग शामिल थे। जावेद सहित पांच फरार थे। आतंकी इस फंड का इस्तेमाल लश्कर-ए-तैय्यबा भारत में रैकी करने, आतंकियों की भर्ती और विदेशी नागरिक व पर्यटकों सहित सॉफ्ट टारगेट की पहचान करने के लिए कर रहा था।
इस मामले में नईम के अलावा पांच अन्य को भी गिरफ्तार किया गया था। जिनमें मुजफ्फरनगर के दो सराफ आदीश जैन और दिनेश उर्फ अंकित गर्ग शामिल थे। जावेद सहित पांच फरार थे। आतंकी इस फंड का इस्तेमाल लश्कर-ए-तैय्यबा भारत में रैकी करने, आतंकियों की भर्ती और विदेशी नागरिक व पर्यटकों सहित सॉफ्ट टारगेट की पहचान करने के लिए कर रहा था।