फेल होने का धब्बा हटा लेकिन बर्बाद हो गया साल


बरेली। करीब सौ छात्र-छात्राओं को यूएफएम (अनुचित साधन प्रयोग) कमेटी ने जांच में राहत दी तो उन पर नकल करने का धब्बा हट गया। मगर इस जांच प्रक्रिया में इतनी देरी हो गई कि वे इंप्रूवमेंट परीक्षा फॉर्म नहीं भर सके और उनका साल बर्बाद हो गया।



परीक्षा के दौरान नकल करते हुए पकड़े जाने वाले छात्र-छात्राओं को विश्वविद्यालय यूएफएम कमेटी के समक्ष अपना पक्ष रखने का मौका देता है। इस प्रक्रिया के दौरान विभिन्न कक्षाओं के करीब सौ छात्र-छात्राओं के तर्कों को यूएफएम कमेटी ने सही माना और इन्हें नकल के आरोप से मुक्त कर दिया। यूएफएम कमेटी के समक्ष सुनवाई की प्रक्रिया में इतनी देरी हुई कि तब तक इंप्रूवमेंट परीक्षा फॉर्म भरने का मौका निकल गया। ऐसे में करीब सौ छात्र-छात्राएं इंप्रूवमेंट परीक्षा फॉर्म नहीं भर सके और फेल होने के चलते उनका साल बर्बाद हो गया। छात्रों का कहना है कि अगर विश्वविद्यालय प्रशासन यूएफएम कमेटी के समक्ष समय से सुनवाई करा देता तो इंप्रूवमेंट परीक्षा में शामिल होकर वे पास हो सकते थे और उनका साल बच जाता। अब उन पर नकल करने का धब्बा तो हट गया है लेकिन साल फिर भी बर्बाद हो गया।