देश में समान नागरिक संहित लागू कराने के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट के अधिवक्ता अभियान चलाएंगे। मिशन अनुच्छेद 44 के तहत एक राष्ट्र एक सिविल कानून पर शनिवार को हाईकोर्ट के लाइब्रेरी हॉल में एक कार्यशाला का आयोजन किया गया।
मिशन के संयोजक अनूप बरनवाल ने कहा कि समान नागरिक संहिता का उद्देश्य किसी धर्म या व्यक्ति के धार्मिक स्वतंत्रता में हस्तक्षेप करना नहीं है। बल्कि उन बिंदुओं पर एक समान कानून बनाना है जो सिविल के विषय हैं।
उत्तराधिकार, वसीयत, विवाह विच्छेद आदि विषयों पर समान कानून बनाए जा सकते हैं। वरिष्ठ अधिवक्ता राधाकांत ओझा ने कहा कि लोग व्यक्तिगत कानून को लेकर आग्रही हैं। यह एक लत पालने जैसा मामला है। समान नागरिक संहिता बनाकर इससे छुटकारा पाया जा सकता है।
पूर्व एडिशनल सॉलीसिटर जनरल अशोक मेहता ने कहा कि समान नागारिक संहिता से हमारी कुरीतियां अपने आप खत्म हो जाएंगी। कार्यशाला में तय किया गया कि समान नागरिक संहिता के प्रति जागरूकता लाने के लिए अभियान चलाया जाएगा।
कार्यशाला में डा. डीके तिवारी को हाईकोर्ट इकाई का संयोजक मनोनीत किया गया। नित्य प्रकाश तिवारी, ज्ञानेंद्र श्रीवास्तव, सतीश सिंह, रीतेश सिंह, अरविंद पांडेय, अवनीश बरनवाल, उत्तम बनर्जी आदि शामिल थे।
उत्तराधिकार, वसीयत, विवाह विच्छेद आदि विषयों पर समान कानून बनाए जा सकते हैं। वरिष्ठ अधिवक्ता राधाकांत ओझा ने कहा कि लोग व्यक्तिगत कानून को लेकर आग्रही हैं। यह एक लत पालने जैसा मामला है। समान नागरिक संहिता बनाकर इससे छुटकारा पाया जा सकता है।
पूर्व एडिशनल सॉलीसिटर जनरल अशोक मेहता ने कहा कि समान नागारिक संहिता से हमारी कुरीतियां अपने आप खत्म हो जाएंगी। कार्यशाला में तय किया गया कि समान नागरिक संहिता के प्रति जागरूकता लाने के लिए अभियान चलाया जाएगा।
कार्यशाला में डा. डीके तिवारी को हाईकोर्ट इकाई का संयोजक मनोनीत किया गया। नित्य प्रकाश तिवारी, ज्ञानेंद्र श्रीवास्तव, सतीश सिंह, रीतेश सिंह, अरविंद पांडेय, अवनीश बरनवाल, उत्तम बनर्जी आदि शामिल थे।