हमीरपुर में मौरंग खनन घोटाले की जांच कर रही सीबीआई टीम ने सोमवार शाम जांच को आगे बढ़ाते हुए 78 लोगों को नोटिस जारी किया। टीम ने मंगलवार को मौदहा बांध के कैंप कार्यालय में पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष संजय दीक्षित के चाचा राकेश से काफी देर तक पूछताछ की। इसके बाद टीम प्रधान डाकघर पहुंची, जहां अभिलेख खंगाले और पोस्टमैन को अपनी कार में बैठाकर कैंप कार्यालय ले गए।
टीम ने पोस्टमैन से रजिस्टर्ड डाक के संबंध में पूछताछ की। साथ ही खनिज विभाग के अभिलेखों की फोटो कॉपी करने वाले दुकानदार को भी बुलाकर जानकारी ली। शाम को सीबीआई अधिकारी एडीएम से मिलने आए। अवैध खनन की जांच का दायरा बढ़ने से मौरंग कारोबारियों की धड़कनें अब और तेज हो गई हैं। सीबीआई टीम के एक अधिकारी ने मंगलवार को प्रधान डाकघर पहुंच पोस्टमैन को तलब किया।
टीम ने पोस्टमैन से रजिस्टर्ड डाक के संबंध में पूछताछ की। साथ ही खनिज विभाग के अभिलेखों की फोटो कॉपी करने वाले दुकानदार को भी बुलाकर जानकारी ली। शाम को सीबीआई अधिकारी एडीएम से मिलने आए। अवैध खनन की जांच का दायरा बढ़ने से मौरंग कारोबारियों की धड़कनें अब और तेज हो गई हैं। सीबीआई टीम के एक अधिकारी ने मंगलवार को प्रधान डाकघर पहुंच पोस्टमैन को तलब किया।
जिसने सीबीआई दिल्ली मुख्य कार्यालय से पिछले जुलाई माह में भेजी गई रजिस्टर्ड डाक लौटा दिया था। पोस्टमैन राजेश्वर को कार में बिठाकर कैंप कार्यालय ले जाया गया। जहां सीबीआई ने उससे रजिस्टर्ड डाक को वापस लौटाने के संबंध में विस्तार से पूछताछ की। प्रधान डाकघर के पोस्ट मास्टर ओमप्रकाश गुप्ता ने बताया कि सीबीआई की रजिस्टर्ड डाक जुलाई में वितरण के लिए प्रधान डाकघर आई थी।
पोस्टमैन को डाक दी गई थी। फर्म का पता न होने के कारण डाक वापस कर दी गई थी। इसी मामले को लेकर सीबीआई ने पोस्टमैन से पूछताछ की है। खनन घोटाले की जांच कर रही सीबीआई ने कैंप कार्यालय में पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष संजय दीक्षित के पट्टाधारक रहे चाचा राकेश दीक्षित समेत कई मौरंग कारोबारियों को तलब किया है। जिसमें मौरंग कारोबारी राकेश दीक्षित ने कैंप कार्यालय आकर टीम को बयान
पोस्टमैन को डाक दी गई थी। फर्म का पता न होने के कारण डाक वापस कर दी गई थी। इसी मामले को लेकर सीबीआई ने पोस्टमैन से पूछताछ की है। खनन घोटाले की जांच कर रही सीबीआई ने कैंप कार्यालय में पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष संजय दीक्षित के पट्टाधारक रहे चाचा राकेश दीक्षित समेत कई मौरंग कारोबारियों को तलब किया है। जिसमें मौरंग कारोबारी राकेश दीक्षित ने कैंप कार्यालय आकर टीम को बयान
सीबीआई ने शाम करीब चार बजे खनिज विभाग की फोटो कापी करने वाले दुकानदार नीरज को बुलाकर जानकारी ली। गौरतलब हो कि अखिलेश यादव सरकार में आईएएस बी. चंद्रकला ने जिलाधिकारी के पद पर रहते हुए नियमों को ताक पर रख बिना ई-टेंडरिंग के 49 पट्टे मौरंग के जारी किए थे। इसके बाद उन्होंने दस और पट्टे जारी किए।
सर्वाधिक पट्टे सपा एमएलसी रमेश मिश्रा, उनके बड़े भाई दिनेश मिश्रा, बबलू उर्फ अंबिका, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष संजय दीक्षित, उनके पिता सत्यदेव दीक्षित व लोनिवि हमीरपुर के रिटायर्ड लिपिक रामऔतार निवासी जालौन को किए गए थे। याचिकाकर्ता विजय द्विवेदी एडवोकेट ने बताया कि बी चंद्रकला जून 2014 तक जिलाधिकारी के पद पर तैनात रहीं। जिन्होंने हाईकोर्ट से पट्टे रद्द होने के बाद भी जिले में अवैध खनन पर कोई कार्रवाई नहीं की।
सर्वाधिक पट्टे सपा एमएलसी रमेश मिश्रा, उनके बड़े भाई दिनेश मिश्रा, बबलू उर्फ अंबिका, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष संजय दीक्षित, उनके पिता सत्यदेव दीक्षित व लोनिवि हमीरपुर के रिटायर्ड लिपिक रामऔतार निवासी जालौन को किए गए थे। याचिकाकर्ता विजय द्विवेदी एडवोकेट ने बताया कि बी चंद्रकला जून 2014 तक जिलाधिकारी के पद पर तैनात रहीं। जिन्होंने हाईकोर्ट से पट्टे रद्द होने के बाद भी जिले में अवैध खनन पर कोई कार्रवाई नहीं की।
हाईकोर्ट के आदेश पर अवैध खनन की चल रही सीबीआई जांच में सैकड़ों लोगों से पूछताछ हो चुकी है। सोमवार को सीबीआई ने आईएएस बी चंद्रकला, सपा के एमएलसी रमेश मिश्रा, पूर्व सांसद घनश्याम अनुरागी समेत करीब 78 लोगों को पूछताछ के लिए नोटिस जारी की हैं।
जांच के दौरान जारी हुए 36 मौरंग पट्टे भी जद में
याचिकाकर्ता विजय द्विवेदी ने बताया कि अवैध खनन को लेकर 63 मौरंग पट्टों की सीबीआई जांच के दौरान पिछले साल जिले में 25 मौरंग के पट्टे ई-टेडरिंग के माध्यम से आवंटित किए गए। वहीं बांदा में दो, जालौन में तीन, कौशांबी में चार, कानपुर देहात में एक, कानपुर नगर में एक मौरंग के पट्टे आवंटित किए गए। कुल 36 मौरंग के पट्टे बिना हाईकोर्ट व सीबीआई की जानकारी के आवंटित किए गए। इन पट्टों के अभिलेखों में फर्जी एआई रिपोर्ट लगाई गई थी। जिसे एनजीटी ने अवैध मानते हुए मौरंग के पट्टों को निरस्त कर दिया था। याचिकाकर्ता ने बताया कि इन मौरंग खदानों में कई महीने तक खनन किया गया है।
जांच के दौरान जारी हुए 36 मौरंग पट्टे भी जद में
याचिकाकर्ता विजय द्विवेदी ने बताया कि अवैध खनन को लेकर 63 मौरंग पट्टों की सीबीआई जांच के दौरान पिछले साल जिले में 25 मौरंग के पट्टे ई-टेडरिंग के माध्यम से आवंटित किए गए। वहीं बांदा में दो, जालौन में तीन, कौशांबी में चार, कानपुर देहात में एक, कानपुर नगर में एक मौरंग के पट्टे आवंटित किए गए। कुल 36 मौरंग के पट्टे बिना हाईकोर्ट व सीबीआई की जानकारी के आवंटित किए गए। इन पट्टों के अभिलेखों में फर्जी एआई रिपोर्ट लगाई गई थी। जिसे एनजीटी ने अवैध मानते हुए मौरंग के पट्टों को निरस्त कर दिया था। याचिकाकर्ता ने बताया कि इन मौरंग खदानों में कई महीने तक खनन किया गया है।