वृद्ध महिला को जबरन रेफर कर स्ट्रेचर से उतार जमीन पर लिटाया, एंबुलेंस देने से भी किया मना
फर्रुखाबाद के डा. राममनोहर लोहिया अस्पताल की स्वास्थ्य सेवाएं सुधरने का नाम नहीं ले रही है। डॉक्टरों ने एक वृद्ध मरीज को पहले तो देखने से ही इनकार कर दिया। परिजनों ने जब कहा, तो उसके पुत्र को धक्का देकर बाहर निकाल दिया। परिजनों के लाख कहने के बावजूद डॉक्टरों का दिल नहीं पसीजा और उन्होंने वृद्ध को बिना दवाई दिए ही एक रेफर स्लिप थमा दी।
स्ट्रेचर से उतार कर इमरजेंसी के बाहर जमीन पर लिटा दिया गया। एंबुलेंस भी मुहैया कराने की जरूरत नहीं समझी गई। जिलाधिकारी मानवेंद्र सिंह की तेजतरार्रर छवि से लग रहा था कि लोहिया अस्पताल में चल रही मनमानी में कुछ सुधार आएगा, मगर ऐसा हो नहीं रहा है। मरीजों के साथ अन्याय और तीमारदारों संग दुर्व्यवहार रोजाना की बात हो गई है।
अमृतपुर थाने के गांव कुबेरपुर कुड़रा निवासी बनवारी की पत्नी मायावती (60) कुछ दिन से बुखार और कमर में फोड़े से पीड़ित थीं। देवर मोतीलाल, पुत्र रामू अन्य परिजन मायावती को लेकर मंगलवार की करीब ढाई बजे पहुंचे। मोतीलाल ने बताया कि इमरजेंसी स्टाफ ने तुरंत ही देखने से इनकार कर दिया। बाहर ले जाने की सलाह दे दी।

पुत्र रामू ने जब गंभीर हालत होने की वजह से दवाई शुरू करने को कहा, तो स्टाफ ने धक्का देकर बाहर निकाल दिया। यही नहीं मरीज को भी इमरजेंसी कक्ष से बाहर कर दिया। संवेदनहीनता की हद तो तब हो गई, जब इमरजेंसी स्टाफ ने मरीज को बाहर ले जाकर स्ट्रेचर से उतारने का दबाव बनाया। परिजनों ने महिला को जमीन पर ही लिटा लिया।
देवर मोतीलाल ने बताया कि उन्होंने स्टाफ से हाथ-पैर जोड़कर रेफर होने का कागज बनवाया। अब निजी एंबुलेंस की व्यवस्था करने को कहा जा रहा है। गरीबी का हवाला भी दिया, मगर सरकारी एंबुलेंस मुहैया नहीं करवाई गई। लिहाजा गंभीर बीमार महिला घंटों इमरजेंसी के बाहर जमीन पर पड़ी रही।