नागरिकता संशोधन कानून का विरोध करने और उसके संबंध में भ्रामक प्रचार करने के आरोप में राष्ट्रीय हिंदू वाहिनी अखंड भारत के राष्ट्रीय सचिव एडवोकेट प्रवीण गुप्ता ने सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी, असदउद्दीन ओवैसी, सपा के पूर्व महानगर अध्यक्ष अज्जू इसहाक, साबिर निवासी भुजपुरा, टीवी एंकर रवीश कुमार सहित 20-25 अज्ञात के खिलाफ याचिका दायर कर मुकदमा दर्ज करने का अनुरोध किया है। इस मामले में अज्जू व साबिर पर हमला करने का भी आरोप है। इस मामले में 24 जनवरी को सुनवाई होगी।
एडवोकेट प्रवीण गुप्ता ने बताया कि एसीजेएम प्रथम के यहां दाखिल की गई याचिका में कहा है कि हाल ही में सरकार ने नागरिकता संशोधन कानून लागू किया है। इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई जिसमें अगली तारीख नियत है। इसके बाद भी सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी, ओवैसी आदि लोगों ने जनता को भड़़काने वाले बयान दिए।
इससे अधिनियम की सही स्थिति लोगों तक नहीं पहुंची। वर्ग विशेष के लोगों की राष्ट्रीयता खत्म करने का भ्रम फैलाया गया। आरोपियों ने सोची समझी रणनीति के तहत भड़काऊ बयान दिए, जिससे विश्व पटल पर भारत की छवि खराब हो रही है और लोगों में असंतोष पैदा हो रहा है।
इससे अधिनियम की सही स्थिति लोगों तक नहीं पहुंची। वर्ग विशेष के लोगों की राष्ट्रीयता खत्म करने का भ्रम फैलाया गया। आरोपियों ने सोची समझी रणनीति के तहत भड़काऊ बयान दिए, जिससे विश्व पटल पर भारत की छवि खराब हो रही है और लोगों में असंतोष पैदा हो रहा है।
बयान मीडिया में आने के बाद वर्ग विशेष के लोगों ने सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाना शुरू कर दिया है, जिसकी शुरुआत जामिया से हुई। हमला होने पर पुलिस ने बल प्रयोग किया। प्रॉक्टर की अनुमति के बावजूद जामिया के प्रिंसिपल ने यह बयान दिया कि हमने पुलिस को कैंपस के अंदर घुसने की अनुमति नहीं दी थी।
इस घटना के बाद एएमयू सहित हिंसा की आग पूरे देश में फैली और इसमें कुछ खास चैनलों ने आग को हवा दी। वादी स्वयं लोगों को कानून के विषय में समझाता फिर रहा था। इसी बीच 18 दिसंबर की शाम कचहरी से लौटते समय नामजद साबिर, अज्जू व उनके साथियों ने घेर लिया और मारपीट की। हमलावर होते हुए उन पर गोली चलाई, जिसमें वह बाल-बाल बच गए।
थाने में तहरीर देने भी गया, मगर पुलिस ने सुनवाई नहीं की। उन्होंने इस पूरे प्रकरण में मुकदमा दर्ज करने का अनुरोध किया है। चूंकि, इस मामले से कई बड़े लोगों के नाम जुड़े हैं तो इस याचिका को एसीजेएम प्रथम के पास से सीजेएम को ट्रांसफर किया गया है। अब इस प्रकरण की सुनवाई 24 जनवरी को होगी।
इस घटना के बाद एएमयू सहित हिंसा की आग पूरे देश में फैली और इसमें कुछ खास चैनलों ने आग को हवा दी। वादी स्वयं लोगों को कानून के विषय में समझाता फिर रहा था। इसी बीच 18 दिसंबर की शाम कचहरी से लौटते समय नामजद साबिर, अज्जू व उनके साथियों ने घेर लिया और मारपीट की। हमलावर होते हुए उन पर गोली चलाई, जिसमें वह बाल-बाल बच गए।
थाने में तहरीर देने भी गया, मगर पुलिस ने सुनवाई नहीं की। उन्होंने इस पूरे प्रकरण में मुकदमा दर्ज करने का अनुरोध किया है। चूंकि, इस मामले से कई बड़े लोगों के नाम जुड़े हैं तो इस याचिका को एसीजेएम प्रथम के पास से सीजेएम को ट्रांसफर किया गया है। अब इस प्रकरण की सुनवाई 24 जनवरी को होगी।