दिल्ली की एक अदालत द्वारा सोमवार को उन्नाव दुष्कर्म मामले में दोषी ठहराए जाने के फौरन बाद भाजपा से निष्कासित विधायक कुलदीप सिंह सेंगर अदालत में ही रोने लगा। वह अपनी बहन के बगल में रोता दिखाई दिया। वहीं, जब न्यायाधीश ने फैसला सुनाना शुरू किया तो सह-आरोपी शशि सिंह बेहोश हो गईं।
अदालत ने मुख्य आरोपी सेंगर को भारतीय दंड संहिता और पॉक्सो अधिनियम के तहत दोषी करार दिया। जिला न्यायाधीश धर्मेश शर्मा ने हालांकि सह आरोपी शशि सिंह को सभी आरोपों से बरी कर दिया। अदालत सजा पर बुधवार को दलीलें सुनेगी। पॉक्सो अधिनियम के तहत इस आरोप के लिये अधिकतम आजीवन कारावास की सजा हो सकती है।
पीटीआई के अनुसार, पॉक्सो अधिनियम के तहत सेंगर (53) को दोषी ठहराते हुए अदालत ने कहा कि सीबीआई ने साबित किया कि पीड़िता नाबालिग थी और इस विशेष कानून के तहत चलाया गया मुकदमा सही था। न्यायाधीश ने फैसला पढ़ते हुए कहा, 'मैंने उसके बयान को सच्चा और बेदाग पाया कि उस पर यौन हमला हुआ। उस पर खतरा था, वो चिंतित थी। वह गांव की लड़की है, महानगरीय शिक्षित इलाके की नहीं...सेंगर एक शक्तिशाली व्यक्ति था। इसलिये उसने अपना वक्त लिया...।'
अदालत ने यह भी कहा कि पीड़िता द्वारा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को चिट्ठी लिखे जाने के बाद उसके परिवार वालों के खिलाफ कई मुकदमे दर्ज किये गए और उनपर 'सेंगर की छाप' थी।