निर्भया कांड के दोषियों को फांसी देगा मेरठ का पवन जल्लाद,
बेटी निर्भया को इंसाफ मिलने के फैसले से पूरा देश खुश है। ऐसे में वो इंसान (पवन जल्लाद) भी बेहद खुश है जो निर्भया के दोषियों को फांसी देगा। तिहाड़ जेल प्रशासन ने यूपी जेल राज्य मंत्री को एक पत्र लिखकर मेरठ जेल के जल्लाद पवन की सेवाएं लेने की अनुमति मांगी थी। वहीं प्रदेश के जेल राज्यमंत्री ने इसके लिए अनुमति दे दी है।
जानकारी के अनुसार, जेल राज्य मंत्री जय कुमार सिंह ने बताया कि निर्भया दुष्कर्म मामले के दोषियों को फांसी देने के लिए मेरठ के जल्लाद पवन कुमार की सेवाएं लेने के लिए तिहाड़ जेल प्रशासन द्वारा पत्र लिखा गया था। दोषियों की फांसी की सजा का दिन तय होने के बाद जल्लाद पवन को इस कार्य के लिए भेजने की मेरठ जेल प्रशासन को अनुमति दे दी गई है।  
आपको बता दें कि सात साल पहले देश को दहला देने वाले निर्भया सामूहिक दुष्कर्म मामले के दोषियों को फांसी पर लटकाने का दिन और वक्त मुकर्रर हो गया। पटियाला हाउस कोर्ट ने मंगलवार अपराह्न 4:48 बजे इस मामले के चारों दोषियों का डेथ वारंट जारी कर दिया।
इसके मुताबिक 22 जनवरी सुबह 7 बजे निर्भया के गुनहगारों को तिहाड़ जेल में फांसी के फंदे पर लटकाया जाएगा। इस फैसले के बाद तिहाड़ में दोषियों की निगरानी बढ़ा दी गई है। वहीं, दोषियों के वकीलों ने कहा कि वह क्यूरेटिव पिटीशन और राष्ट्रपति से दया याचिका दायर करेंगे।


दिल्ली के मुनीरका में 16 दिसंबर 2012 की रात सड़क दौड़ रही बस में एक जिंदगी चीख रही थी.. वो हैवानों से गुहार लगा रही थी अपनी जान बख्शने के लिए, लेकिन 6 दरिंदों को तरस नहीं आया।
उन्होंने कुछ ऐसा किया जिससे सुनकर पूरी दुनिया रो पड़ी। उस लड़की के साथ दरिंदों ने न सिर्फ दुष्कर्म किया बल्कि उसके जिस्म के साथ वो खिलवाड़ किया, जिसे सुनकर देश भर के लोग सिहर उठे।
दरिंदों ने लड़की के साथ दुष्कर्म किया और फिर उसे निर्वस्त्र हालत में चलती बस से नीचे फेंक दिया। वारदात के वक्त पीड़िता का दोस्त भी बस में था। दरिंदों ने उसके साथ भी मारपीट की और उसे भी बस से फेंक दिया था। इसके बाद पीड़िता को सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया।
डॉक्टर ने जब निर्भया (बदला नाम) की हालत देखी तो वो भी रो पड़े। उनका कहना था कि आज तक उन्होंने हैवानियत की इस तरह की तस्वीर कभी नहीं देखी। निर्भया की हालत देखकर उनकी रूह भी कांप उठी। इलाज चला, लेकिन हालत में कुछ सुधार नहीं होने की वजह से  29 दिसंबर, 2012 को सिंगापुर भेजा गया। वहां इलाज के दौरान पीड़िता जिंदगी की जंग हार गई। 29 दिसंबर को निर्भया ने रात करीब सवा दो बजे दम तोड़ दिया था


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